बालश्रम मुक्त चित्तौड़गढ़ के लिए समन्वित रूप से करें कार्य-जिला कलक्टर आलोक रंजन

चित्तौड़गढ़, । विश्व बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर आलोक रंजन ने सभी संबंधित विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों से चित्तौड़गढ़ जिले को बालश्रम मुक्त बनाने के लिए समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया।
जिला कलक्ट्रेट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में “बालश्रम मुक्त चित्तौड़गढ़” अभियान के पोस्टर का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि बालश्रम समाज की एक गंभीर समस्या है, जिससे निपटने के लिए प्रशासनिक तंत्र के साथ-साथ सामाजिक सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में किसी भी बालक को बालश्रम के लिए विवश नहीं किया जाए, इसके लिए सभी विभागों को समन्वय कर बच्चों को विद्यालयों में प्रवेशित कराने एवं शिक्षा से जोड़ने के विशेष प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं, समाजसेवियों तथा जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि जिले को बालश्रम से पूर्णतः मुक्त बनाया जा सके।
कार्यक्रम में सहायक निदेशक (बाल अधिकारिता) ओम प्रकाश तोषनीवाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जितेन्द्र गढ़वाल, शिक्षा विभाग के लोकेश सोनी, चन्द्र प्रकाश जीनगर (अधीक्षक, बालगृह), भगवती सेवा एवं शिक्षण संस्थान के रामगोपाल ओझा, एक्शन एड-यूनिसेफ के श्री कपिलदेव प्रसाद, चाइल्ड हेल्पलाइन के श्री नवीन किशोर काकड़दा सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य बालश्रम के विरुद्ध सामाजिक चेतना का निर्माण करना एवं सभी बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उनके उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करना है।