चित्तौड़गढ़ में युवक संदिग्ध हालात में मिला मृत, मां को ट्रेन में बैठाने के बाद अचानक हुआ था लापता
चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में बुधवार से लापता मजदूर लालानाथ (35) का शव गुरुवार को बेड़च नदी किनारे संदिग्ध हालात में मिला। लालानाथ अपनी मां को ट्रेन में बैठाने के बाद अचानक गायब हो गया था। परिवार ने उसकी हत्या की आशंका जताई है।
लालानाथ, भाटखेड़ा गांव का रहने वाला था। वह मजदूरी करके पत्नी, एक बेटे और तीन बेटियों का पालन-पोषण करता था। परिजनों के अनुसार बुधवार सुबह वह अपनी मां को चंदेरिया स्टेशन तक मोपेड पर छोड़ने गया था और उन्हें मांडलगढ़ जाने वाली ट्रेन में बैठाने के बाद चित्तौड़गढ़ शहर की ओर निकल गया। इसके बाद से उसका मोबाइल बंद हो गया और वह घर वापस नहीं लौटा।
परिवार ने देर रात तक तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। गुरुवार सुबह परिजनों ने गंगरार थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने उसकी अंतिम मोबाइल लोकेशन चित्तौड़गढ़ के नेहरू गार्डन के पास ट्रेस की। परिजन शहर में खोजबीन कर रहे थे तभी शास्त्रीनगर–पुलिस लाइन रेलवे पुलिया के पास लालानाथ की मोपेड खड़ी मिली। मोपेड के पास मौजूद झाड़ियों में बेड़च नदी किनारे उसका शव पड़ा मिला।
सूचना पर पुलिस एवं उप अधीक्षक मौके पर पहुंचे। लालानाथ के गले में केसरिया गमछे का फंदा था, जिसमें दो से तीन गांठें बंधी मिलीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम भी बुलवाई गई और मौके से सबूत जुटाए गए।
पुलिस के अनुसार गले में मिला गमछा लालानाथ का ही था। उसके कानों में पहनी सोने की बालियां सुरक्षित थीं, जिससे लूट की आशंका कमजोर पड़ती है। उसका मोबाइल फोन नहीं मिला। परिवार का कहना है कि लालानाथ का किसी से कोई विवाद भी नहीं था।
मां को ट्रेन में बैठाने के बाद वह चित्तौड़गढ़ शहर क्यों गया, यह अब भी सवाल बना हुआ है। उसका घर चंदेरिया के पास ही है और उसे सीधे वापस लौटना था। करीब 6 किलोमीटर दूर शहर जाने की वजह क्या थी, यह पुलिस की जांच का मुख्य बिंदु है। पुलिस हत्या और अन्य सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
