राजस्थान की बेटी ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा
सिकंदरा। दौसा जिले की बहरावंडा तहसील के दिवाकर गांव में जन्मी पायल गुर्जर ने गुदड़ी के लाल… वाली कहावत को सही साबित कर दिखाया है। पायल गुर्जर पिछले सप्ताह साउथ अफ्रीका के तंजानिया में मांउट किलीमंजारों की 19 हजार 341 फीट ऊंची चोटी पर पहुंचकर प्रादेशिक सेना व भारत का तिरंगा लहराकर हजारों बालिकाओं के लिए हौसला और प्रेरणा कि मिशाल बन गई। पायल गुर्जर राजस्थान में गुर्जर समुदाय की पहली पर्वतारोही बन गई है।
पायल गुर्जर ने इससे पहले लगभग 17000 फीट ऊंची चोटी मचोई पीक, जोजिला, द्रास और लगभग 18000 फीट ऊंची चोटी कंचनजंघा बेस कैंप, लद्दाख, ग्लेशियर व कश्मीर ग्रेट लेक एक्सपीडिशन सहित कई चोटियों को फतह कर कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। कड़ाके की ठंड, तूफानी हवाओं, भारी बारिश, बर्फबारी, कठिन चढ़ाई व फिसलन भरे रास्ते, ऑक्सीजन की कमी व शारीरिक थकान जैसे हालातों जूझने के बाद उसने यह मुकाम हासिल किया। उनके पिता भारतीय प्रादेशिक सेवा में सूबेदार हैं।
पायल का कहना है कि उन्हें अपने पिता से ही पर्वतों की ऊंची चोटी पर चढ़ने की हिम्मत और प्रेरणा मिली। पायल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई। कक्षा 4 से 9 तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल जयपुर तथा 10-12 तक शिक्षा मदरलैंड पब्लिक स्कूल जयपुर में की है। पायल अभी डीसीएस कॉलेज जयपुर में बीए-बीएड पाठ्यक्रम में द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है।पायल गुर्जर की बचपन से ही चुलबुल मिजाज,साहसिक व फिजिकल गतिविधियों मे हिस्सा लेने में रुचि रही है।