हाईकोर्ट सख्त: कहा — आवारा कुत्ते सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा, सरकार और निकायों को नो
जयपुर/हलचल।
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में आवारा कुत्तों और मवेशियों के कारण लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं और बिगड़ती सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे एक गंभीर जनहित का मामला माना है।
कई विभागों को भेजा नोटिस
कोर्ट ने इस मामले में सड़क परिवहन मंत्रालय, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), नगरीय विकास विभाग (UDH) और राज्य के नगर निगमों व निकायों** को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि **आवारा पशुओं और कुत्तों को लेकर की जा रही कार्रवाई की स्थिति स्पष्ट की जाए।**
कोर्ट की टिप्पणी
> आवारा कुत्ते अब केवल स्वास्थ्य या सफाई का मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर सड़क सुरक्षा का खतरा बन चुके हैं।"**
> "इनसे न केवल सड़क हादसे बढ़े हैं, बल्कि समाज में डर और असुरक्षा का माहौल भी बना है।"**
कोर्ट की टिप्पणी:
> **"आवारा कुत्ते अब केवल स्वास्थ्य या सफाई का मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर सड़क सुरक्षा का खतरा बन चुके हैं।"**
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> **"इनसे न केवल सड़क हादसे बढ़े हैं, बल्कि समाज में डर और असुरक्षा का माहौल भी बना है।"**
### **सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में**
कोर्ट ने यह भी माना कि **रोजमर्रा के जीवन में आमजन को इन पशुओं से खतरा है**, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और दोपहिया वाहन चालकों को। कई हादसे रिपोर्ट हो चुके हैं जहां जानलेवा चोटें आईं या जान तक चली गई।
### **क्या है अगला कदम?**
कोर्ट ने सरकार व एजेंसियों से यह पूछा है कि **इनकी रोकथाम के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए** और **भविष्य में क्या योजनाएं हैं।** अगली सुनवाई की तारीख तक सभी संबंधित विभागों को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
कोर्ट ने यह भी माना कि **रोजमर्रा के जीवन में आमजन को इन पशुओं से खतरा है**, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और दोपहिया वाहन चालकों को। कई हादसे रिपोर्ट हो चुके हैं जहां जानलेवा चोटें आईं या जान तक चली गई।
क्या है अगला कदम?
कोर्ट ने सरकार व एजेंसियों से यह पूछा है कि **इनकी रोकथाम के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए और भविष्य में क्या योजनाएं हैं। अगली सुनवाई की तारीख तक सभी संबंधित विभागों को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
