मुस्लिम समाज में नाराजगी: मुस्लिम संगठनों का 11 से 'वक्फ बचाओ आंदोलन'

अजमेर नए वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम समाज में गहरी नाराजगी दिखाई दे रही है। इस कानून के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। 11 अप्रैल से 18 अप्रैल तक 'वक्फ बचाओ आंदोलन' चलाया जा रहा है, जिसकी अगुवाई विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा की जा रही है। आंदोलन का उद्देश्य वक्फ कानून में हुए हालिया संशोधनों का विरोध करना और सरकार पर इसे वापस लेने का दबाव बनाना है। गुरुवार को जयपुर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में अजमेर दरगाह की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश के 99.9 प्रतिशत मुसलमान इस कानून के खिलाफ हैं। उनका कहना था कि यह कानून वक्फ संपत्तियों पर सरकार के नियंत्रण को बढ़ावा देता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है। सरवर चिश्ती ने दरगाह दीवान पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जो व्यक्ति सरकार का आदमी होता है, वह उसकी भाषा बोलता है, लेकिन हम अल्लाह के लोग हैं, इसलिए हम अल्लाह और रसूल की बात करेंगे।सरवर चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में मुस्लिम समाज के साथ अत्याचार हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली, तो मुस्लिम समाज सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि यह कानून कम से कम एक काम तो कर गया। इसने बिखरे हुए मुस्लिम समाज को एकजुट कर दिया है।