पोषण पुर्नवास केन्द्र ने दिया बच्चे को दिया नवजीवन
राजसमंद (राव दिलीप सिंह) जिला चिकित्सालय नाथद्वारा में उल्टी दस्त के साथ अति कुपोषण से ग्रस्त 5 वर्षीय बच्चे को परिजन नाथद्वारा जिला चिकित्सालय में लेकर आये तो बच्चे की जांच के बाद उसे पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती किया गया तथा बच्चे को चिकित्सकीय निगरानी में प्रतिदिन बार- बार विशेष पोषण आहार देकर एवं उपचार कर उसे पूरी तरह स्वस्थ कर नवजीवन दिया गया।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं प्रमुख विशेषज्ञ शिशु रोग डॉ कैलाश भारद्वाज ने बताया कि 5 वर्षीय मोहित पिता डालू गमेती निवासी झालो की मदार की प्रारम्भिक चिकित्सकीय जांच में सामने आया कि बच्चा उल्टी दस्त के साथ ही अति कुपोषित है इसलिये परिजनो को परामर्श देकर बच्चे को 23 जुलाई को पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती किया गया। जहां वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी शिशु रोग डॉ हितेन्द्र जैन की निगरानी में बच्चे को नियमित अंतराल पर बार - बार विशेष पोषण आहार दिया गया तथा नियमित वजन एवं स्वास्थ्य की मोनिटरिंग कर आवश्यक उपचार किया गया।
उन्होंने बताया कि बच्चे को जब पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती किया गया उस समय बच्चे का वजन 7 किलो ग्राम था जो उपचार के बाद 9 किलोग्राम से अधिक हो गया। उन्होंने बताया कि कुपोषण का मुख्य कारण बच्चे के सही आहार पर ध्यान नही देना सामने आया है। स्वस्थ होने पर बच्चे को छ्ट्टी दे दी गई है तथा परिजनो को बच्चे के आहार को लेकर परामर्श दिया गया है।
झालो की मदार में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉली रेगर ने बताया कि घर - घर संपर्क के दौरान बच्चा बीमार पाया गया बच्चा बमुश्किल चल पा रहा था। ऐसी स्थिती में देखकर बच्चे की मां शारदा एवं दादी कंवरी बाई को नाथद्वारा हॉस्पीटल में बच्चे के डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी गई थी।
सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने झालो की मदार के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से बच्चे का नियमानुसार फॉलोअप करने के लिये निर्देशित किया है।
क्या है पोषण पुर्नवास केन्द्र
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने बताया कि जिले में दो पोषण पुर्नवास केन्द्र आर.के जिला चिकित्सालय एवं नाथद्वारा में संचालित है। जहां कुपोषण के साथ बीमारी के लक्षणो वाले बच्चो को भर्ती कर बार - बार निर्धारित आहार देकर बच्चो के शारिरिक एवं मानसिक रूप से विकास किया जाता है तथा निर्धारित मानको के अनुसार बच्चे का वजन बढ़ने के बाद छुट्टी की जाती है। इन केन्द्रो पर भर्ती बच्चो के परिजनो, संरक्षको को निर्धारित पारिश्रमिक क्षतिपूर्ति राशि भी दी जाती है। आंगनबाड़ी केन्द्रो पर अति कुपोषण से ग्रसित बच्चो को चिन्हीत कर नियमित तौर पर पोषण पुर्नवास केन्द्र पर भिजवाया जाता है।