विशेष प्री-लिटिगेशन लोक अदालत 18 नवम्बर को व राष्ट्रीय लोक अदालत 14 दिसम्बर को

Update: 2024-10-25 06:19 GMT

राजसमंद । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजसमन्द राघवेन्द्र काछवाल के निर्देशानुसार नाथद्वारा मुख्यालय पर आगामी 14 दिसम्बर 2024 (द्वितीय शनिवार) को राष्ट्रीय लोक अदालत एवं 18 नवम्बर 2024 को विशेष प्री-लिटिगेशन लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में शमनीय दाण्डिक अपराध, अन्तर्गत धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, धन वसुली के प्रकरण, पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर), एम.ए.सी.टी. प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधित विवाद अन्य सिविल मामलें (जिनमें ओ.डी.आर. से निस्तारण संभव हो)), बैंकों, बी.एस.एन.एल, विद्युत विभाग, जलदाय विभाग आदि से संबंधित प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जायेगा।

उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नाथद्वारा प्रवीण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक अधिकारीगण के साथ एक मिटिंग का आयोजन किया गया। उक्त मिटिंग में अध्यक्ष के अलावा वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा प्रेमप्रकाश जीनगर, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा संजू चौधरी, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा सुनील कच्छावाह, विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एन.आई.एक्ट प्रकरण) नाथद्वारा पीयूष कुमार मेडतिया उपस्थित रहे। इसके साथ ही स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया के प्रतिनिधि से दुरभाष से बात कर ऋण खातों के प्रकरणों को प्री-लिटिगेशन लोक अदालत में रखवा जाने के संबंध में भी दिशा निर्देश प्रदान किये गये।

आगामी 14 दिसम्बर 2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु अधिक से अधिक संख्या में प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे जावें एवं उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत से पूर्व ही प्रकरणों में नोटिस जारी किये जाकर एवं प्रि-काउंसलिंग की जाकर प्रकरण को राजीनामें के माध्यम से निस्तारित किये जाने का प्रयास किया जावें। साथ ही दिनांक 18 नवम्बर 2024 को विशेष प्री-लिटिगेशन लोक अदालत का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के विभिन्न ऋण खातों के प्रकरणों को प्री-लिटिगेशन लोक अदालत में रखा जाकर प्रकरणों में नोटिस जारी किये जायेंगे तथा प्रकरणों का राजीनामा के माध्यम से निस्तारण किया जायेगा।

इस संबंध में आमजन से भी अपील की जाती है कि पक्षकारान् संबंधित न्यायालय में अपने प्रकरण को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखने का अनुरोध कर सकते है एवं वे न्यायालय में लम्बित उक्त प्रकृति के प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाकर राजीनामा के माध्यम से इनका शीघ्र निस्तारण करवा सकते है जिससे समय व धन की बचत होगी तथा प्रकरणों का अंतिम रूप से निस्तारण हो सकेगा। 

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