कसार में अनोखा शिविर: 24 सालों में दस हजार बच्चों को बनाया वेदपाठी
राजसमंद (राव दिलीप सिंह) जिले के कसार गांव में सनातन वैदिक शिक्षण संस्थान ट्रस्ट बच्चों में वैदिक संस्कार का उजास खिला रहा है, गर्मी की छुट्टियों में यहां 23 साल से शिविर लग रहे हैं। इनमें अब तक लगभग दस हजार बटुकों ने वैदिक ज्ञान प्राप्त कराया जा चुका है। शिविर में इस वर्ष 520 बटुक मंत्र जाप सीख रहे हैं इसलिए भी अंगूठा है कि यहां पर रहने खाने - पीने की सारी व्यवस्थाएं निशुल्क हैं। तीन-चार साल पहले से आए हुए बच्चे फराटे से मंत्र पाठ बोल रहे हैं जिसे देखकर बड़े पंडित अचरज में पड़ जाते हैं। बच्चों को संस्कार सीखने की जागरूकता देख साल 2008 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गांव में भी वैदिक गुरुकुल खोलने के लिए दस बीघा जमीन दे चुकी है।
शरीर पर जनेऊ, कंधे पर अंगोछा, कमर पर धोती बांधे,12साल से 25 साल के प्रदेश भर के बटुक वह प्रदेश के बाहर के बटुक यहां वैदिक संस्कार, मंत्र, श्लोक सीख रहे हैं। गांव के सरकारी स्कूल में चल रहे शिविर में दैनिक दिनचर्या : सुबह 5 बजे जागरण, 6:30 बजे से संध्या वंदन, 8: बजे अल्पाहार 8:30 प्रथम शिक्षण सत्र जिसमें संध्या वंदन, देवता नमस्कार, भद्र सुक्तम, रूद्र सुक्तम, रुद्राष्टाध्याई आदि सिखाया जाता हैं। 11:30 से भोजन अवकाश, 3 बजे से द्वितीय शिक्षण सत्र जिसमें दुर्गा सप्तशती, पौराणिक मंत्र, पंचांग ज्ञान, प्रारंभिक ज्योतिष ज्ञान, श्रीमद् भागवत गीता पारायण आदि कराए जाते हैं। 5:30 बजे कीड़ा ,व्यायाम। 7 बजे सायं भोजन, 8:30 दिन भर क्या सीखा इसका वाचन करवाया जाता है।
इनके तजुर्बे व अनुभव के आधार पर उनकी अलग-अलग कक्षाएं लगाई जाती हैं किसी को अलग-अलग स्रोत्रों का वाचन करवाया जाता है। संस्कार शिविर में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान के लगभग 20 जिलों के बटुकों ने भाग लिया है। पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया कार्यकाल में यहां दो बार आ चुकी हैं वर्तमान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, गुलाबचंद कटारिया, गिरिजा व्यास, अरुण चतुर्वेदी, बीडी कल्ला, सीपी जोशी नाथद्वारा, सीपी जोशी चित्तौड़गढ़, किरण माहेश्वरी, सुरेंद्रसिंह राठौड़, दिप्ती माहेश्वरी भी आ चुकी हैं इनके अलावा कई मंत्री, सांसद विधायक और अधिकारी भी शिविर का अवलोकन कर चुके हैं।
शिविर संयोजक उमेश द्विवेदी बताते हैं कि सरकार से मिली जमीन वेद विद्यालय बनाई जाएगी उसमें साल भर वेद परायण करवाया जाएगा। बटुकों को चारों का वेदाध्ययन करवाया जा सके है। साल भर प्रैक्टिकल बटुकों करवाया जाता है साल भर प्रैक्टिकल उनको साथ में ले जाकर उनको सिखाया जाता है कर्मकांड कैसे करना है,कैसे पूजा करवानी है ,कैसे हवन करवाना है सब सिखाया जाता है, यज्ञ कैसे होते हैं सब सिखाया जाता है।
संस्कार विहीन होती पीढ़ी को फिर से संस्कार देने का उठाया कदम
संस्कार विहीन होते देखकर पंडित उमेश द्विवेदी ने गांव कसार में वर्ष 2000 में सनातन वैदिक शिक्षण संस्थान कसार की स्थापना की अध्यक्ष कन्हैयालाल द्विवेदी महामंत्री उमेश द्विवेदी कोषाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा को बनाया गया।
संस्थान में सीखे हुए बच्चे ही पढ़ाते हैं
संस्थान में सीखे हुए बटुक ही सिखाते हैं बच्चों को वह भी निशुल्क इसमें मुख्य रूप से आचार्य उमेश द्विवेदी, जितेंद्र शर्मा, योगेश त्रिवेदी, भरत पानेरी, गोविंद पालीवाल,प्रशांत व्यास, ओम प्रकाश शर्मा, विनोद त्रिवेदी, सुरेश दवे, मनोज शर्मा , श्रवण शर्मा , पवन शर्मा, हुकुम पालीवाल, निलेश व्यास घनश्याम पालीवाल प्रभु प्रकाश पालीवाल मयंक शर्मा ललित दवे,भरत त्रिवेदी, आदि पण्डित सिखाते हैं।