राजसमंद जिले में 536 करोड़ की लागत से बनी 1891 किमी सड़कें, 319 बसावटों को मिली ऑलवेदर कनेक्टिविटी

Update: 2025-12-24 08:46 GMT

राजसमंद । पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 25 दिसम्बर 2000 को शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) 25 दिसम्बर 2025 को अपने 25 वर्ष पूर्ण कर रही है। इन 25 वर्षों में योजना ने देशभर में ग्रामीण संपर्क व्यवस्था को मजबूत करते हुए सामाजिक और आर्थिक बदलाव की मजबूत नींव रखी है। राजस्थान प्रदेश के साथ-साथ राजसमंद जिले में भी इस योजना का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

प्रदेश में अब तक लगभग 75 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर 15,983 बसावटों को ऑलवेदर कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। वहीं राजसमंद जिले में 1891.14 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण कर 319 बसावटों को जोड़ा गया, जिस पर लगभग 536 करोड़ रुपये की लागत आई। यह योजना केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण जीवन की दिशा बदलने वाली साबित हुई है। बेहतर सड़कों से गांव सीधे स्कूलों, अस्पतालों, कृषि मंडियों और अन्य आर्थिक गतिविधियों से जुड़े, जिससे आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास को गति मिली।

राजसमंद जिले में पहले चरण के तहत 174 करोड़ रुपये की लागत से 837.13 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर 319 बसावटों को ऑलवेदर सड़कों से जोड़ा गया। इसी चरण में 132.11 करोड़ रुपये की लागत से 510.86 किलोमीटर सड़कों का चौड़ाईकरण एवं सुदृढ़ीकरण भी किया गया। नई सड़कों के साथ रखरखाव और उन्नयन की आवश्यकता को देखते हुए वर्ष 2013 में दूसरे चरण की शुरुआत की गई, जिसमें 47.70 करोड़ रुपये की लागत से 98 किलोमीटर सड़कों का चौड़ाईकरण और सुदृढ़ीकरण किया गया।

तीसरे चरण में ग्रामीण संपर्क मार्गों एवं थ्रू रूट्स के उन्नयन पर विशेष जोर दिया गया। इस चरण के अंतर्गत अब तक 182.49 करोड़ रुपये की लागत से 245.15 किलोमीटर लंबाई की 23 सड़कों का उन्नयन किया जा चुका है। चौथे चरण में प्रदेशभर में 1638 बसावटों को ऑलवेदर सड़कों से जोड़ने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके प्रथम फेज में 1216 बसावटों के लिए सड़क निर्माण एवं एक पुल का प्रस्ताव है, जिसमें लगभग 2089 करोड़ रुपये की लागत से 3219 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

राजसमंद जिले में चतुर्थ चरण के अंतर्गत आमेट-गोमती चौराहा सड़क से उदागुड़ा तक एक बसावट को चिन्हित किया गया है। इस सड़क की लंबाई 1.00 किलोमीटर होगी तथा इस पर 76.63 लाख रुपये की लागत आएगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य केवल भौतिक संपर्क नहीं, बल्कि गांवों को कृषि बाजारों, कॉलेजों, अस्पतालों और रोजगार के अवसरों से जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।

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