राठी खेड़ा एथेनॉल प्रोजेक्ट रद्द, ग्रामीण आंदोलन के बाद प्रबंधन ने खींचे कदम
हनुमानगढ़। लंबे समय से विवादों में घिरे टीबी क्षेत्र के राठी खेड़ा एथेनॉल प्रोजेक्ट पर आखिरकार पूर्णविराम लग गया है। फैक्ट्री प्रबंधन ने जिले में निवेश न करने का अंतिम निर्णय लेते हुए जिला कलेक्टर को इस संबंध में अपना आधिकारिक पत्र सौंप दिया है। इसके साथ ही जिले में प्रस्तावित एक बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट का अध्याय समाप्त हो गया है।
प्रोजेक्ट को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार विरोध की स्थिति बनी हुई थी। 7 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर आयोजित किसान महापंचायत और इसके बाद 10 दिसंबर को हुई घटनाओं ने माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों और किसानों ने परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बढ़ते विरोध और असहज परिस्थितियों के बीच प्रबंधन ने अपने कदम पीछे खींच लिए।
फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि अन्य राज्य सरकारें उन्हें भूमि उपलब्धता और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहतर आश्वासन दे रही हैं। इसी कारण उन्होंने हनुमानगढ़ में निवेश से हाथ खींचने का निर्णय लिया है। प्रबंधन के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि परियोजना अब जिले में स्थापित नहीं होगी।
इस निर्णय के बाद ग्रामीणों में संतोष का माहौल है और वे इसे अपनी एकजुटता और संघर्ष की जीत के रूप में देख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिले से एक बड़े औद्योगिक निवेश के बाहर चले जाने से औद्योगिक विकास को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आने वाले समय में हनुमानगढ़ विकास और निवेश के बीच संतुलन कैसे साध पाएगा।