झोपड़ी में, पेड़ के नीचे या किसी भी असुरक्षित स्थान पर नहीं चलेंगे स्कूल

Update: 2024-05-23 13:39 GMT

शिक्षा विभाग ने नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले सरकारी स्कूलों झोपड़ी में, पेड़ के नीचे या किसी भी असुरक्षित स्थान पर संचालित स्कूलों
 

इस गाइडलाइन के तहत प्रदेशभर में कहीं भी खुले में, झोपड़ी में, पेड़ के नीचे या किसी भी असुरक्षित स्थान पर संचालित स्कूलों को वैकल्पिक भवन की व्यवस्था KAR दी जाएगी। भूमि आवंटन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। शासन सचिव शिक्षा विभाग कृष्ण कुणाल ने जानकारी दी कि सभी सरकारी स्कूलों का भौतिक सत्यापन करवाया जाएगा। जिन स्कूलों को भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिली है, उनके लिए जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर मिलकर भूमि आवंटन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करेंगे। 

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। जहां भी स्कूलों को अब तक भूमि आवंटन नहीं हुई है, वहां नए स्कूल के लिए सुरक्षित भवन की व्यवस्था की जाएगी। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

अगर, स्कूल असुरक्षित स्थान पर संचालित होते पाए गए तो संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी और अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

सभी सरकारी स्कूलों में बरसात से पहले सफाई अभियान चलाया जाएगा। बंद नालों और छतों की सफाई की जाएगी। ताकि, बारिश के दौरान छात्रों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इस अभियान की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे।

सरकारी स्कूलों में शुद्ध पेयजल और शौचालयों में रनिंग वॉटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। जर्जर शौचालयों की मरम्मत भी की जाएगी

स्टूडेंट शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से स्कूल की जर्जर इमारत, पेयजल व्यवस्था और बदहाल टॉयलेट की समस्याओं की ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है। जिला स्तर पर इन शिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाएगा। 7 दिनों में कार्रवाई न होने पर संबंधित संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएग

किराए के भवन में संचालित सरकारी स्कूलों के लिए नए भवन के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

राज्यभर के ऐसे सरकारी स्कूल जो जर्जर इमारत में संचालित हैं और छात्रों के लिए असुरक्षित हैं, उन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इन स्कूलों के भवन को क्षतिग्रस्त घोषित किया जाएगा और मरम्मत होने तक उनमें छात्रों की एंट्री पर रोक रहेगी।

शासन सचिव शिक्षा विभाग कृष्ण कुणाल ने कहा कि किसी भी सरकारी स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही मिलने पर संबंधित संस्था प्रधान और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस गाइडलाइन का उद्देश्य राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है। ताकि, बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा न आए। शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाएं

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