एसआई परीक्षा पेपर लीक मामले में एसओजी की जांच तेज, तीन संदिग्ध सब इंस्पेक्टर तलब

Update: 2025-12-14 03:56 GMT


जयपुर। सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक प्रकरण को लेकर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में एसओजी ने तीन संदिग्ध सब इंस्पेक्टरों को पूछताछ के लिए बुलाया है। टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि इन अधिकारियों ने परीक्षा किस प्रश्न पत्र से दी थी और लीक हुई सामग्री तक उनकी पहुंच कैसे बनी।

एसओजी के एडीजी विशाल ने बताया कि तीनों संदिग्धों से गहन पूछताछ की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल पूछताछ के लिए बुलाए गए किसी भी सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि, यदि जांच के दौरान पुख्ता साक्ष्य सामने आते हैं तो नियमानुसार गिरफ्तारी की कार्रवाई भी की जा सकती है।

जांच एजेंसी परीक्षा से पहले और बाद की गतिविधियों की बारीकी से पड़ताल कर रही है। संदिग्धों के मोबाइल फोन, कॉल डिटेल, डिजिटल ट्रेल और सोशल मीडिया संपर्कों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे किन लोगों के संपर्क में थे। एसओजी यह भी जांच कर रही है कि पेपर लीक किसी संगठित गिरोह के जरिए हुआ या फिर इसमें विभाग के भीतर से किसी तरह की मदद मिली।

इस प्रकरण में अब तक बड़ी कार्रवाई हो चुकी है। एसआई भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े में राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक निलंबित सदस्य और एक पूर्व सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। मामले में कुल 132 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें 61 प्रशिक्षणरत उप निरीक्षक और 6 ऐसे चयनित उप निरीक्षक शामिल हैं जिन्होंने जॉइन नहीं किया था। इसके अलावा जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2018 के पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी और टीसीएस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।

जांच में सामने आया है कि पेपर लीक बड़े स्तर पर हुआ था। डमी अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठाने और हल किए गए प्रश्न पत्र 28 लाख रुपये तक में बेचने के मामले उजागर हुए हैं। इस प्रकरण में 50 से अधिक प्रशिक्षणरत सब इंस्पेक्टरों सहित 120 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फर्जीवाड़े में आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और रामूराम रायका की संलिप्तता भी सामने आई है, जिन पर परीक्षा से पहले पेपर लीक करने के आरोप हैं।

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