अजमेर। पिछले दो दिनों से अजमेर में हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर में गंभीर जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा ने एक दुखद मोड़ ले लिया जब किशनगढ़ के ऊंटड़ा गांव में तीन बालिकाओं की डूबने से मौत हो गई। एक अन्य बच्ची को बचा लिया गया है और उसका इलाज जारी है।
अजमेर के मुख्य मार्ग और गली-मोहल्ले पानी में डूबे हुए हैं। दरगाह क्षेत्र में जल स्तर इतना बढ़ गया था कि लोग पानी के तेज बहाव में बहने लगे, जिन्हें आसपास की दुकानों पर खड़े लोगों ने रस्सी फेंककर सुरक्षित निकाला। केरियों की ढाणी में करीब 20 घरों में पानी घुस जाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शहर की प्रमुख झीलें भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आनासागर झील की भराव क्षमता 13 फीट है, लेकिन वर्तमान में इसका जलस्तर 15 फीट 11 इंच तक पहुंच गया है और इसमें पानी की आवक लगातार जारी है। इसी तरह, अजमेर की वरुण सागर झील की चादर भी चलने लगी है, जो अत्यधिक बारिश का संकेत है।
रात 8 बजे से सुबह 7 बजे के बीच 64 एमएम बारिश दर्ज की गई। वैशाली नगर की सागर विहार कॉलोनी में पानी भरने से निवासियों की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
आनासागर से पानी की निकासी लगातार जारी है, जिसके कारण बजरंगगढ़ से फव्वारा सर्कल तक का मार्ग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे लोगों को 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 2 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सिविल डिफेंस और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को शहर में तैनात किया गया है। कलेक्टर लोकबंधु सहित अन्य अधिकारी रात से ही लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और सुबह से भी स्थिति का जायजा ले रहे हैं, ताकि राहत और बचाव कार्यों को सुनिश्चित किया जा सके।
