टीचरों की पिटाई से आहत नवीं कक्षा के छात्र ने जान दी,: सुसाइड नोट में दो शिक्षकों को मौत का जिम्मेदार ठहराया
गुढ़ाचंद्रजी करौली। राजस्थान के करौली जिले में स्कूल की निर्दयता ने एक होनहार छात्र की जिंदगी छीन ली। नवीं कक्षा के 14 वर्षीय छात्र अंकित ने मंगलवार शाम घर के पीछे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मौत से पहले उसने जो सुसाइड नोट लिखा, उसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। उसमें साफ लिखा था— *मेरे मां-बाप मुझे खुश रखना चाहते हैं तो बाबूलाल बैरवा और शहंशाह को तीन साल की जेल दिलवा देना*। यह पंक्तियां इस बात का कड़वा सबूत हैं कि बच्चा किस हद तक प्रताड़ना झेल रहा था।
परिजनों के मुताबिक अंकित कमला शिक्षण संस्थान KBSS में पढ़ता था। मंगलवार को संस्था प्रधान भीम सिंह मीणा, शिक्षक बाबूलाल बैरवा और शहंशाह शेख ने उसकी बेरहमी से पिटाई की। घर पहुंचते ही अंकित ने मां फोरन्ता देवी को पूरे जुल्म की कहानी बताई। उसके शरीर पर चोट के ताजा निशान साफ दिखाई दे रहे थे। लेकिन किसी ने भी अंदाजा नहीं लगाया था कि कुछ ही घंटों बाद यह बच्चा मौत को गले लगा लेगा।
शाम लगभग साढ़े पांच बजे अंकित ने सुसाइड नोट लिखा और घर के पीछे जाकर फंदा लगा लिया। पुलिस को मिला सुसाइड नोट साफ कहता है कि उसकी पीड़ा के जिम्मेदार दो शिक्षक हैं। पिता मदन सिंह गुर्जर की रिपोर्ट पर सभी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
घटना से गुस्साए ग्रामीण और परिजन बुधवार सुबह पुलिस चौकी और अस्पताल परिसर में इकट्ठा हो गए। उन्होंने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने, आरोपी शिक्षकों को तुरंत गिरफ्तार करने और कड़ी से कड़ी सजा की मांग की।
लोगों का कहना है— यदि इतनी कम उम्र के छात्रों को स्कूलों में सुरक्षा नहीं मिलेगी, तो बच्चों का भविष्य कौन बचाएगा?
करौली में इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है और इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।
