अगर परिस्थितियां नहीं बदलती है तो नजर को बदल दो, नजारा ही बदल जाएगा : बालयोगी मुनि श्रुतधरनंदी

Update: 2024-08-29 09:08 GMT

- गमेर बाग धाम में चातुर्मासिक धर्मसभा में उमड़ रहा है सकल दिगम्बर जैन समाज

- मुनिश्री का पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट सहित हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान

उदयपुर। गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के प्रवचन एवं विविध आध्यात्मिक व धार्मिक क्रियाएं सम्पन्न हो रही है।

चातुर्मास समिति के दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, महावीर देवड़ा व पुष्कर जैन भदावत ने बताया कि गुरुवार को मुनिश्री का पाद प्रक्षालन, दीप प्रज्जवलन, धर्मसभा के पूर्व शंतिधारा, अभिषेक, शास्त्र भेंट, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन जैसे मांगलिक आयोजन हुए। शाम को सभी श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ की आरती की। बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में गमेर बाग धाम में श्रावक श्राविकाओं ने संगीतमयी भक्तिभाव के साथ भक्ति नृत्य किये और शारीरिक रोग, मन शोक, पीड़ा, गृह क्लेश निवारण, नवग्रह गृह सुख शांति समृद्धि धन, व्यापार लाभदायक ऋषि मुनियों की आराधना की।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि "मन बदल दो अगर परिस्थितियां नहीं बदलती है तो नजर को बदल दो नजारा बदल जाता है, सोच को बदल दो सितारा बदल जाता है ओर कश्ती बदल ने की जरुरत नहीं दिशा को बदल दो किनारा बदल जाता है। हम लोग बड़ा सोचना ही भूल गये अंग्रेजों ने हमसे सिर्फ कोहिनूर ही नहीं हमारी सोच, स्वयं का आत्मविश्वास सब लूट कर ले गये। कभी किसी को धोखा मत देना क्योंकि भरोसा बहुत ही मुश्किल से बनता है लेकिन जब टूटता है तो जीवन भर के लिए टूट जाता है। उन्होने कहां कि हमेशा सबको खुश करने की कोशिश कभी मत करना क्योंकि ऐसा हमेशा सम्भव नहीं है लेकिन कोई ना कोई आत्मा तो आपसे दुखी रहेगी ही। अगर जीवन में सफलता हासिल करना है तो कभी भी थोडे से सन्तुष्ठ मत होना क्योकि जितनी ऊचाईओ को प्राप्त कर सकते है उतनी ऊचाईओ प्राप्त करना। सबसे महत्वपूर्ण बात किसी भी फालतु इंसान के लिऐ अपनी आँखो से आँसु मत बहाना। अगर लोग आपको कबूल नहीं करते तो मायुस मत होना क्योंकि लोग अक्सर वो चीज छोड़ देते जिन्हे वो खरीद नहीं पाते।

कार्यक्रम का संचालन पुष्कर जैन भदावत ने किया। इस इस दौरान सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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