बिहार के अधिकारी दल ने किया राजस्थान में बाल संरक्षण योजनाओं का अध्ययन

By :  vijay
Update: 2024-10-17 12:47 GMT

उदयपुर, । राजस्थान सरकार द्वारा बाल संरक्षण के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन तथा बाल अधिकारिता विभाग और युनिसेफ के नवाचारों के अध्ययन के लिए बिहार राज्य के समाज कल्याण विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों ने उदयपुर जिले का भ्रमण किया।

उदयपुर में आयोजित एक बैठक में युनिसेफ राजस्थान के बाल संरक्षण विशेषज्ञ डॉ.संजय कुमार निराला ने बालकों के सर्वांगीण विकास में परिवार एवं समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत परिभाषित देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा परिवार आधारित योजनाएं फोस्टर केयर योजना एवं वात्सल्य आदि संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि उदयपुर जिले में कई बालकों को परिवार आधारित योजनाओं से जोड़ा गया तथा उन्हे षिक्षा एवं विकास के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बिहार के समाज कल्याण विभाग की संयुक्त निदेषक   ममता झा ने बिहार में बाल संरक्षण के लिए संचालित योजनाओं से उदयपुर एवं राजस्थान के अधिकारियों को अवगत कराया तथा राजस्थान सरकार की योजनाओं के बारे में जाना। बैठक में बिहार राज्य के समाज कल्याण विभाग की सहायक निदेषक   रंजना, प्रोग्राम मैनेजर राज्य दत्तक गृहण एजेंसी बिहार के प्रषान्त आदि ने परिवार आधारित बाल संरक्षण पुनर्वास योजनाओं के बारे में जानकारी ली। बाल कल्याण समिति उदयपुर की अध्यक्ष  यशोदा पाणिया ने जिले में देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के संबंध में विभिन्न प्रक्रियाओं तथा परिवार आधारित पुनर्वास योजनाओं पर प्रकाश डाला। बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक   अरूषि जैन, प्रोबेशन अधिकारी राजकुमार जीनगर, गृह अधीक्षक राजकीय किशोर गृह के पंकज पचार, परामर्शदाता अनुपम ,फोस्टर केयर सोसायटी की निदेशक डॉ.शिल्पा मेहता, पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम यूनिसेफ की संभाग स्तरीय सलाहकार सिन्धु बिनुजीत, मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ उदयपुर के प्रभारी गोविन्द लाल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। बैठक में बिहार राज्य के समाज कल्याण विभाग तथा उदयन केयर एंड मिरेकल फाउंडेशन के लगभग 15 अधिकारियों के साथ जिले में बाल संरक्षण के लिए कार्यरत विभिन्न विभागों तथा संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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