निष्पक्ष और न्यायपूर्ण दृष्टि का निर्माण ही धर्म है- जिनेन्द्र मुनि

Update: 2024-11-13 10:32 GMT

गोगुन्दा । श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावकसंघ के तत्वावधान में आयोजित धर्मशभा में जिनेन्द्रमुनि महाराज  ने फरमाया कि धर्म का अर्थ है निष्पक्ष न्यायपूर्ण दृष्टि का सर्जन।व्यक्ति चरित्र का निर्माण संस्कार वातावरण और परिस्थिति के अनुसार होता रहता है जो अक्सर विकृत पूर्ण होता है।धर्म सारी विकृतियों को समाप्त कर मानव की जीवन दृष्टि का परिष्कार कर देता है।व्यक्तिशः धर्म की यही सब से बडी उपयोगिता है।आज व्यक्ति चरित्र इसलिए विकृत है कि व्यक्ति की जीवन दृष्टि स्प्ष्ट और निर्दोष नही है ।व्यक्ति के सामने ऐहिक अभिलाषाओ का अंबार लगा हुआ है दूसरी तरफ उसे जीवन के उच्चतम आदर्श आकृर्षित कर रहे है।वह सबकुछ श्रेष्ठ भी कर लेना चाहता है किन्तु ऐहिक आकर्षण उसे ऐसा करने से उसे रोक देते है।और मानव सीधा स्वार्थो की गोद मे जा बैठता है।आदर्श कामनाएं सभी चूर चूर हो जाती है।अधिकतर ऐसा ही होता है।क्योंकि आदर्श और श्रेष्ठताओं को सम्पादित करने के लिए जैसा आत्मबल और जैसी स्प्ष्ट दृष्टि चाहिये वैसी उसमे होती नही।फलतः तिनके की तरह अधर्म की धारा पर बहा चला जाता है।स्पष्ट और न्यायपूर्ण चिंतन व्यक्ति के आत्मबल को तो स्फुरित करता ही है।उसमें ऐसी विचारधारा को भी स्थापित कर देता है जो उचित अनुचित को पहचान सके।सदाचार और सच्चरित्र का निर्माण व्यक्ति के आपने दृष्टिकोण से ही होंगे।कोई बाह्य शक्ति इसे आपके जीवन मे प्रविष्ट नही कर सकती।

मुनि ने कहा निष्पक्षता और न्यायपूर्ण चिंतन करना वैयक्तिक स्तर पर तो सुखद है ही किन्तु समाज और राष्ट्र के संदर्भ इसकी उपयोगिता निःसंदेह है।आज हमारे जो राष्ट्र जीवन मे जो विडम्बनाए व्याप्त है इसका सबसे बड़ा कारण है।प्रवीण मुनि ने कहा व्यक्ति भौतिक स्तर पर भी जितने व्यवहार या कार्य करता है,वे भी स्वचालित नही है।रितेश मुनि ने कहा मानव जीवन की गतिविधियां उसकी मान्यताओ से प्रभावित रहती है ।मान्यताओ का निर्माण परम्परा,परिवेश एवं चिंतन से होता है।पवित्र मान्यताओ के लिए संगीत और स्वाध्याय दोनों मार्ग बड़े उपगोगी है।प्रभातमुनि ने कहा जो व्यक्ति या परिवार दुर्व्यसनों से मुक्त रहकर श्रम करता है उसके पास संपति का एकत्रीकरण होना आश्चर्य की बात नही है।किंतु यह सम्पति आज समाज और राष्ट्र के अनेक ऐसे क्षेत्र क्षेत्र है,जहा धनिकों को उदारता पूर्वक सहयोग करना चाहिए।

Similar News