मेवाड़ शौर्य व त्याग की भूमि के साथ संस्कृत के अभ्युद की धरती भी है - जोधावत

By :  vijay
Update: 2025-08-06 13:15 GMT
मेवाड़ शौर्य व त्याग की भूमि के साथ संस्कृत के अभ्युद की धरती भी है - जोधावत
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उदयपुर, । मेवाड़ की धरती शौर्य एवं त्याग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृत भाषा के अभ्युदय की धरती भी है। महाराणा राजसिंह के शासनकाल में संस्कृत में रचित ग्रंथ राज-प्रशस्ति ने संस्कृत भाषा के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसी मेवाड़ धरा पर संस्कृत दिवस अंतर्गत राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत्जनसम्मान समारोह आयोजित होना मुख्यमंत्री  भजन लाल शर्मा के दूरदृष्टि का परिचायक होने के साथ ही गर्व का विषय भी है। यह विचार प्रदेश की संस्कृत शिक्षा आयुक्त प्रियंका जोधावत ने बुधवार को होटल कजरी में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से चर्चा के दौरान व्यक्त किए।

जोधावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। वेद विद्यालयों की स्थापना हो या वैदिक गुरूकुल की अवधारणा को धरातल पर लाना, सरकार ने नवाचारों के माध्यम से देवभाषा संस्कृत की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि की है। झीलों की नगरी उदयपुर में राज्य स्तरीय आयोजन कर एक बार फिर सरकार ने संस्कृत के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शित किया है। इस आयोजन में संस्कृत शिक्षा मंत्री   मदन दिलावर के व्यापक दृष्टिकोण की महती भूमिका रही है। उन्होने ही जयपुर से बाहर इस आयोजन का विचार सामने रखा और पिछले वर्ष कोटा में सफल आयोजन के पश्चात इस वर्ष आयोजन का दायित्व मेवाड़ को सौंपा। जोधावत ने कहा कि कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विभिन्न कार्यों हेतु समितियों का गठन कर कार्यभार सौंप दिये गए थे। समितियों ने दिन-रात मेहनत कर आयोजन की सारी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान संस्कृत शिक्षा मंत्री के विशेषाधिकारी  अभय सिंह राठौड़, निदेशालय के वरिष्ठ उपनिरीक्षक   भारत कुमार, संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी   नत्थू राम शर्मा,   भगवती शंकर व्यास, आयोजन हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति सदस्य   रामानुज पांडेय,  शिवचरण शर्मा,  पीयूष दशोरा,  राममोहन शर्मा एवं पूर्व संभागीय अधिकारी   कमल किशोर चोटिया उपस्थित रहे।

देवनानी होंगे मुख्य अतिथि

जोधावत ने बताया कि विधानसभाध्यक्ष प्रो वासुदेव देवनानी के मुख्य आतिथ्य एवं संस्कृत मंत्री   मदन दिलावर की अध्यक्षता में गुरूवार को सुखाड़िया रंगमंच सभागार में यह सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री   बाबूलाल खराड़ी, सारस्वत अतिथि के रूप में केंद्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय जयपुर के निदेशक प्रो वाई एस रमेश उपस्थित रहेंगे। शहर विधायक ताराचंद जैन व ग्रामीण विधायक  फूल सिंह मीणा विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लेंगे। आशीर्वाद प्रदाता के रूप में   उत्तम स्वामी जी एवं माकड़ादेव आश्रम झाड़ोल के संत   गुलाबदास  महाराज का सानिध्य प्राप्त होगा।

संस्कृत साधना शिखर सम्मान में प्रदान करेंगे एक लाख की राशि

जोधावत ने बताया कि कुल चार वर्गों में 56 सम्मान एवं पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। संस्कृत साधना शिखर सम्मान सबसे बड़ा सम्मान है जिसके तहत एक लाख रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। इस वर्ष यह पुरस्कार चित्तौड़गढ़ के श्री कैलाश चंद्र मूंदड़ा को प्रदान किया जा रहा है। दो व्यक्तियों को संस्कृत साधना सम्मान से सम्मानित करते हुए प्रत्येक को 51 हजार की राशि प्रदान की जाएगी। सात संस्कृत विद्वत्सम्मान पुरस्कार के तहत प्रत्येक को 31 हजार की पुरस्कार राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। संस्कृत युवा प्रतिभा पुरस्कार के तहत 11 व्यक्तियों को 21-21 हजार की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। इसी प्रकार मंत्रालयिक सेवा सम्मान तथा विभिन्न अकादमिक स्तर के विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा।

मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति ने किया चयन

पत्रकार वार्ता के दौरान आयोजन की राज्य स्तरीय समिति सदस्य  रामानुज पांडेय ने बताया कि सम्मान एवं पुरस्कार के लिए संस्कृत शिक्षा मंत्री  मदन दिलावर की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय चयन समिति का गठन किया गया था। प्राप्त आवेदनों पर समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय कर चयनित प्रतिभाओं की घोषणा की। बैठक में चयन समिति सदस्य विधायक गोपाल शर्मा, शासन सचिव संस्कृत शिक्षा के प्रतिनिधि संयुक्त शासन सचिव कैलाश चंद्र यादव, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की विभाग अध्यक्ष (संस्कृत)  प्रोफेसर ज्योत्स्ना वशिष्ठ, जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के सहआचार्य डॉ विनोद कुमार शर्मा, राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, तालाब गांव, दौसा के प्राचार्य हजारीलाल बैरवा, राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर की प्रोफेसर डॉक्टर शालिनी सक्सेना, संयुक्त निदेशक संस्कृत शिक्षा राजस्थान जयपुर डॉक्टर जितेंद्र कुमार अग्रवाल तथा संस्कृत शिक्षा विभाग की आयुक्त  प्रियंका जोधावत मौजूद रही।

जोधावत ने लिया तैयारियों का लिया जायजा

प्रेस वार्ता के पश्चात जोधावत सुखाड़िया रंगमंच सभागार पहुंची। यहां पर राज्य स्तरीय सम्मान समारोह के लिए की गई तैयारियों का जायजा लिया। उन्होने समिति प्रभारियों से आयोजन के विविध पक्षों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। सभागार में मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, सुरक्षा, प्रवेश, उद्घोषणा संबंधी तैयारियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उनके साथ संयुक्त निदेशक   जितेंद्र कुमार अग्रवाल, विशेषाधिकारी   अभय सिंह राठौड़, निदेशालय के वरिष्ठ उपनिरीक्षक   भारत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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