हाथीपोल धर्मशाल से भगवान का निकला वरघोड़ा, जयकारों से गूंज उठी झीलों की नगरी
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा की ओर से पर्युषण महापर्व के सामपन पर भगवान का वरघोड़ा एवं गणगौर घाट पर स्नात्र पूजन महोत्सव का आयोजन किया गया। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि रविवार को श्री जैन श्वेताम्बर महासभा की ओर से हाथीपोल धर्मशाला से भगवान को रजत पालकी में विराजित कर वरघोड़ा निकाला गया। नाहर ने बताया कि वरघोडे की भव्य शोभायात्रा हाथीपोल धर्मशाल से निकाली जो मालदास स्ट्रीट, बड़ा बाजार, घण्टाघर, जगदीश चौक होते हुए गणगौर घाट पहुंची।
शोभायात्रा में सबसे आगे गजराज थे उसके पीछे पांच घोड़ों पर जैन ध्वज हाथ में लिए श्रावक चल रहे थे। उसके पीछे दो बैण्ड अपनी स्वर लहेरियां बिखेरते हुए चल रहा था। उसके बाद दो सुसज्ज्ति बग्गिया चल रही थी, उनके बाद जैन निति नवयुवक मण्डल का बैण्ड जयघोष का उद्बोधन करते हुए चल रहे थे। उनके पीछे 2 ऊंट गाड़ी जिसमें जैन समाज की विभिन्न झांकियां सजी हुई थी। उसके बाद दो रजत पालगी में भगवान को विराजित कर श्रावक चल रहे थे। माता त्रिशला को आए 14 स्वप्न एवं उदयपुर में बिराजित सभी साधु-साध्वी चतुरविद संघ के साथ इस वरघोड़े में शामिल हुए। शोभायात्रा के मार्ग में जगह-जगह श्रावक-श्राविकाओं द्वारा गऊली बनाकर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। मार्ग में हजारों की संख्या में मौजूद श्रावक-श्राविकाएं भगवान के जयकारें लगाते हुए चल रहे थे।
जैसे ही शोभायात्रा गणगौर घाट पहुंची वहां राष्ट्रसंत ललित प्रभ सागर, मुनि भगवंत निरागरत्न, साध्वी प्रन्यांस प्रवर समर्पित रत्न विजय महाराज आदि ठाणा, साध्वी कीर्ति रेखा श्रीजी आदि ठाणा सहित साधु-साध्वी भगवंत का आशीर्वचन प्राप्त हुआ। उसके बाद सभी ने स्नात्र पूजा की। स्नात्र पूजा के बाद वरघोड़ा विभिन्न मार्गों से होते हुए मालदास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन पहुंचा जहां 3 हजार से अधिक समाजजनों का भव्य स्वामीवात्सलय का आयोजन हुआ। इस अवसर महासभा कार्याध्यक्ष भोपाल सिंह परमार, महामंत्री कुलदीप नाहर, राजेन्द्र जवेरिया, राजेश जावरिया, अंकुर मुर्डिया, चतर सिंह पामेचा, सतीस कच्छरा, राजू पंजाबी, अशोक जैन, बिट्टू खाब्या, पिंटू चौधरी, डॉ. शैलेन्द्र हिरण, प्रकाश नागौरी आदि मौजूद रहे।