जयपुर/उदयपुर,। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रदेश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर-2026) का कार्य राजस्थान में तीव्र गति, उच्च सटीकता एवं पूर्ण पारदर्शिता के साथ प्रगति पर है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने बताया कि प्रदेश के कुल 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 गणना प्रपत्रों में से ’5 करोड़ 45 लाख से अधिक प्रपत्र ईसीआई-नेट पर सफलतापूर्वक अपलोड’ किए जा चुके हैं। निर्धारित समय से पूर्व 99.87 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर राजस्थान ने डिजिटल दक्षता एवं उत्कृष्ट समन्वय का नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
’17 जिले और 138 विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन’
श्री महाजन ने बताया कि प्रदेश के ’17 जिले- बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा, झालावाड़, फलौदी, भरतपुर, चूरू, दौसा, बारां, राजसमंद, डीग, झुंझुनूं, पाली, सीकर, चित्तौड़गढ़, नागौर एवं सवाईमाधोपुर’-में सभी गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन शतदृप्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है।
इसी प्रकार 138 विधानसभा क्षेत्रों में भी 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा हो गया है।
’मतदाता मैपिंग में भी राजस्थान शीर्ष पर’
प्रदेश ने मतदाता मैपिंग में भी उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की हैकृ
95 प्रतिशत से अधिक मतदाता मैपिंग कार्य पूरा
18 विधानसभा क्षेत्रों- कपासन, बायतु, सलूंबर, लोहावट, नगर, सिकराय, ओसियां, शाहपुरा, बामनवास, चित्तौड़गढ़, नागौर, बड़ी सादड़ी, शाहपुरा, खंडार, गुढ़ामलानी, जायल, सपोटरा, शिव एवं डेगाना - में 99 प्रतिशत से अधिक मैपिंग संपन्न
कपासन विधानसभा क्षेत्र प्रदेश में शीर्ष पर, जहाँ 99.46 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग पूरी हो चुकी है। यहां 2.73 लाख मतदाताओं में से मात्र लगभग 1500 मतदाताओं को ही दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
महाजन ने बताया कि मतदाता मैपिंग से पुनरीक्षण प्रक्रिया अधिक सरल हो जाती है तथा मतदाताओं को अनावश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने से राहत मिलती है। इससे पारदर्शिता, सटीकता एवं बूथवार मतदाता प्रबंधन में अत्यधिक मजबूती आती है।
’बीएलओ की मेहनत-सफलता की रीढ़’
प्रदेश के 50,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर कार्यरत बीएलओ ने 100 प्रतिशत फील्ड कार्य पूरा करते हुए घर-घर पहुंच सुनिश्चित की। उनके सतत प्रयासों ने ही इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को संभव बनाया है।
’लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम’
मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाजन ने कहा कि यह उपलब्धि केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं, बल्कि उस सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है जिसके माध्यम से मतदाता सूची को और अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी, व्यवस्थित एवं मतदातादृकेंद्रित बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त करने की दिशा में राजस्थान का महत्वपूर्ण कदम है।
