उदयपुर । राष्ट्रसंत आचार्य पुलक सागर ससंघ का चातुर्मास सर्वऋतु विलास मंदिर में बड़ी धूमधाम से आयोजित हो रहा है । इसी श्रृंखला में सात दिवसीय ऋषभ कथा का भव्य आगाज शनिवार को हुआ । चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विनोद फान्दोत ने बताया कि प्रथम दिन प्रात: 7.30 बजे शोभायात्रा (घट यात्रा) सर्वऋतु विलास से टाउन हॉल तक निकाली गई। जिसमें ऋषभ कथा में माता पिता बने विनोद सीमा फांदोत, नीलकमल अजमेरा, ऋषभ कुमार उज्ज्वल भारती जैन, सौधर्म इंद्र सुनील निवेदिता महतिया अजमेर वाले, ब्रह्मोत्तर इंद्र विरेन्द्र कुमार राजकुमारी गदिया, कपिष्ट इन्द्र देवीलाल विद्या गंगावत एवं ब्रह्म इन्द्र सुशील पुष्पा चित्तौड़ा सहित कई समाज जन उपस्थित हुए । शोभायात्रा में सभी रथ में बिराजमान होकर चल रहे है । जैसे ही शोभायात्रा मंदिर से रवाना हुई तो आचार्य संघ के जयकारों से पूरा मार्ग गूंज उठा। धनपति कुबेर धन की वर्षा कर रहे थे । महिलाएं एवं पुरुष एक जैसी वेशभूषा में नाचते और झूमते हुए चल रहे थे ।
महामंत्री प्रकाश सिंघवी ने बताया कि प्रात: 8.30 बजे ऋषभ कथा का शुभारंभ हुआ, जिसमें भगवान ऋषभदेव सहित चौबीस तीर्थंकरों के जीवन पर राजा श्रेणिक द्वारा पूछे गए प्रश्नों का वर्णन किया गया । राजा श्रेणिक ने भगवान महावीर के समवशरण में ऋषभदेव का चरित्र पूछा, राजा श्रेणिक ने साठ हजार प्रश्न किए । आज जैन समाज के जितने भी शास्त्र है उन्हें लाने का पूरा पूरा श्रेय राजा श्रेणिक को जाता है । भगवान महावीर वो तीर्थंकर हुए जिन्होंने समवशरण में तेईस तीर्थंकरों के बारे में वर्णन किया । प्रातः:कालीन सत्र एक परिचय सत्र था, सायं 5.30 बजे ऋषभ कथा का आयोजन हुआ, महाराजा नाभिराय का राज दरबार सजा, मंगल आरती, माता के सोलह स्वप्न का भव्य मंचन हुआ उसके पश्चात गरबा नृत्य हुआ ।
- आज मनाया जाएगा भगवान का जन्मोत्सव, 30 को होगा कवि सम्मेलन
प्रचार मंत्री विप्लव कुमार जैन ने बताया कि दूसरे दिन रविवार, 28 सितम्बर को प्रात: 8 बजे ऋषभ कथा एवं सायं 5.30 बजे भगवान जन्मोत्सव आरती, पालना झुलाना, डांडिया, गरबा नृत्य का आयोजन होगा । वहीं 30 सितम्बर को सायं 5.30 बजे राष्ट्रसंत पुलक सागर की उपस्थिति में विराट कवि सम्मेलन होगा,