जज़्बात को क्यों छुपाना...
By : राजकुमार माली
Update: 2025-01-05 14:23 GMT
दिल में जज़्बात को क्यों छुपाना,
लूटा दो यह हैं प्यार का खजाना।
प्रेम ऐसे ही कहीं नहीं झलकता,
ये सीने में धड़कनों सा महकता!
रिश्तो में ऐसे आती है सहजता।
दिल में जज़्बात को क्यों छुपाना,
लूटा दो यह हैं प्यार का खजाना।
अपनों का प्यार कभी खुटता नहीं,
तनहाई में वह कभी रुकता नहीं!
किसी भी आरी से ये कटता नहीं।
दिल में जज़्बात को क्यों छुपाना,
लूटा दो यह हैं प्यार का खजाना।
निगाहें तुम सब से मिलाया करो,
होले-2 सबके दिल में समाया करो!
यह पक्का है बंधन बंध जाया करो।
संजय एम. तराणेकर