शाहपुरा में श्रीमद भागवत कथा का भव्य समापन, श्रोताओं को मिला आध्यात्मिक अनुभव

By :  vijay
Update: 2024-12-29 14:29 GMT

शाहपुरा-पेसवानी

श्री खान्या के बालाजी महाराज श्री श्री 108 रामदास जी त्यागी मंदिर प्रांगण में 23 दिसंबर से 29 दिसंबर 2024 तक आयोजित श्री मद भागवत कथा का आज भव्य समापन हुआ। कथा का वाचन श्री श्री 1008 जगतगुरु परमहंसाचार्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी महाराज ने अपने सुमधुर वचनों से किया।

सुदामा चरित्र से सीखने का संदेश

आज कथा के अंतिम दिन स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने भगवान श्री कृष्ण और उनके मित्र सुदामा की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि सुदामा, जो विद्वान और ब्राह्मण थे, गरीबी के कारण कठिनाइयों से घिरे हुए थे। उनकी पत्नी सुशीला के कहने पर जब वे श्री कृष्ण से मिलने द्वारका गए, तो श्री कृष्ण ने उनकी दरिद्रता दूर करने का उपाय बताया। इस उपाय से सुदामा का जीवन बदल गया।

स्वामी जी ने कहा, ष्भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों की हर समस्या का समाधान करते हैं। जब भी उनके भक्त कष्ट में होते हैं, वे स्वयं उनकी सहायता के लिए आते हैं।ष् उन्होंने भागवत कथा को आध्यात्मिक आनंद का स्रोत बताते हुए कहा, ष्भागवत कथा का नशा ऐसा है जो कभी नहीं उतरता। हमें इसे सुनकर अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए।ष्

समापन के दौरान हुआ भव्य आयोजन

कथा के समापन अवसर पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने स्वामी दयानंद सरस्वती जी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके पश्चात आरती का आयोजन हुआ और श्रद्धालुओं ने भगवान की आराधना की।

इस सात दिवसीय कथा में क्षेत्र के सैकड़ों भक्त शामिल हुए। प्रमुख रूप से उपस्थित व्यक्तियों में भंवर सेन, शंभू सेन, नरेंद्र सेन, समुंद्र सेन, राजेंद्र खटीक, राधेश्याम धोबी, अनुराग शर्मा, तेजपाल उपाध्याय, घिसी सेन, पिंकी सेन, साक्षी सेन, गुलाबी खटीक, लाडू गुर्जर, संतोक खटीक, और मंजू खटीक शामिल रहे।

श्रोताओं को मिला आध्यात्मिक अनुभव

कथा के दौरान श्रद्धालु भाव-विभोर होकर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का आनंद लेते रहे। स्वामी दयानंद सरस्वती जी के प्रवचनों ने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन के लिए प्रेरणादायक संदेश दिए।

कथा समापन पर श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और इस आयोजन के सफल संचालन के लिए मंदिर समिति और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समाज में सकारात्मकता और भक्ति का प्रसार करते हैं।

इस सात दिवसीय भागवत कथा ने शाहपुरा के श्रद्धालुओं के दिलों में आध्यात्मिक ज्योति प्रज्वलित की और इस आयोजन को एक यादगार अनुभव बना दिया।

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