भाणा गणेश अन्नकूट महोत्सव में उमड़ा आस्था का सैलाब

Update: 2025-10-27 07:53 GMT


शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी

शाहपुरा में बड़े गणपति (भाणा गणेश) मंदिर में अन्नकूट महोत्सव धूमधाम और धार्मिक श्रद्धा के साथ आयोजित किया गया। शाहपुरा श्याम सेवा समिति के तत्वावधान में हुए इस महोत्सव में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, मंदिर के बाहर और हर्ष विहार कॉलोनी की गलियों में आस्था का सैलाब देखने को मिला। छोटे-बड़े, महिला-पुरुष सभी श्रद्धालु अपने परिवार के साथ गणेशजी के नयनाभिराम दर्शन करने पहुंचे।

महोत्सव का शुभारंभ पुजारी जितेन्द्र शर्मा के सान्निध्य में विधि-विधान से अभिषेक के साथ हुआ। गणेशजी की भव्य प्रतिमा को आकर्षक व भव्य चोला अर्पित किया गया। मांगलिक लापसी सहित विविध व्यंजनों का भोग लगाया गया। श्रीगणेश के प्रिय मोदक सहित अन्य व्यंजन जगदीश पोरवाल, सोनू पोरवाल व अन्य मिष्ठानकारों द्वारा बड़े प्रेम से तैयार किए गए।

यह पूरा कार्यक्रम गणपति बप्पा मोरया के जयघोष से गूंजता रहा। सभी भक्तगण ढोल-नगाड़ों और मंगल गीतों के साथ महाआरती में शामिल हुए। जैसे ही आरती की थालियां उठीं, पूरा परिसर श्रद्धा और उल्लास के रंगों में डूब गया। आरती के बाद सैकड़ों भक्तों ने परिसर में बैठकर पंगत में प्रसादी ग्रहण की।

श्याम सेवा समिति द्वारा तैयार की गई झांकियां इस बार के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहीं। गणपति की भव्य झांकी के साथ गिरिराजधरण श्रीनाथजी की विराट झांकी सजाई गई, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। मंदिर परिसर मेले की भांति सजा नजर आया। बच्चों और महिलाओं में सेल्फी लेने की उत्सुकता इस पूरे आयोजन में अलग ही रंग घोल रही थी। समिति की ओर से दो विशेष सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए, जहां फोटो खिंचवाने की होड़ सी लगी रही।

गणेश मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में की गई विद्युत सजावट देखते ही बनती थी। हर्ष विहार कॉलोनी, कोठी फील्ड रोड सहित पूरे मार्ग को रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया। रास्तों को विद्युत फर्रियों से इस तरह जगमगाया गया कि पूरा क्षेत्र दीपावली सा माहौल समेटे हुए था। प्रवेश द्वारों को तोरण, पताकाओं, गुब्बारों और सुगंधित फूलों से सजाया गया था। मंदिर के ऊपर रखे गए प्रकाश स्तंभ और झिलमिल करती लाइटें दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती रहीं।

रात को महोत्सव चरम पर पहुंचा, जब गगनभेदी आतिशबाजी ने पूरे परिसर को उत्सव की ध्वनि से भर दिया। लगभग पौन घंटे तक हुई निरंतर आतिशबाजी ने हर किसी का मन मोह लिया। रंग-बिरंगी चिंगारियों ने आसमान को ऐसा चमकाया मानो गणेशजी के आशीर्वाद की ज्योति नगर पर बरस पड़ी हो। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी आनंदित होकर इस नजारे को निहारते रहे।

 

मंदिर परिसर में एक और खुशखबरी भी श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बनी रही। नगरपालिका की ओर से लगभग 39 लाख की लागत से नवनिर्मित बड़े हॉल को अब ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम पूरा हो चुका है। 

 

 

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