ममता कार्ड का अभाव, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को नही मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) एक ओर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार एक वर्ष पूर्ण होने पर जश्न मना रही है वहीं दूसरी ओर पिछले एक साल से ममता कार्ड के अभाव में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलना भजन सरकार का फेलियर दर्शाता है।
चिकित्सा सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में जहाजपुर ब्लॉक में तकरीबन चार हजार गर्भवती महिलाएं है जिनका ममता कार्ड नहीं बनने से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना मुश्किल है। राज्य सरकार पिछले एक साल से ममता कार्ड देने मे सक्षम नही है। सितंबर 2023 के बाद ना के बराबर ममता कार्ड उपलब्ध हुए हैं। राजस्थान सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के कल्याण के लिए शुरू किया गया ममता कार्ड एक महत्वपूर्ण पहल थी। यह कार्ड महिलाओं को प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल के लिए आवश्यक सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराता था। ममता कार्ड एक प्रकार का पहचान पत्र है जो आमतौर पर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए जारी किया जाता है। यह कार्ड कई तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मदद करता है।
*ममता कार्ड के क्या फायदे हैं*
सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क प्रसव की सुविधा, प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर दवाएं निःशुल्क, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए पोषण आहार, नवजात शिशुओं के लिए निःशुल्क टीकाकरण, नियमित स्वास्थ्य जांच, परिवहन, भोजन आदि जैसी अन्य सुविधाएं दी जाती है।
*ममता कार्ड क्या है*
ममता कार्ड एक प्रकार का स्मार्ट कार्ड है, जो गर्भवती महिलाओं को उनके गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद मिलने वाली विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। यह कार्ड महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क प्रसव, दवाएं, और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार देता है।
*ममता कार्ड कैसे बनवाएं*
अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर ममता कार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के समय आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र आदि जमा करने होंगे।