महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने दिया गुरु भक्ति का मंत्र, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

By :  vijay
Update: 2025-07-10 14:31 GMT
महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने दिया गुरु भक्ति का मंत्र, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
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 शाहपुरा, पेसवानी शक्करगढ़ स्थित  अमर ज्ञान निरंजन आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा कि विशाल पंडाल भी छोटा पड़ गया। पूरा आश्रम परिसर गुरु भक्ति के भावों से सराबोर हो उठा।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक शांति पाठ के साथ हुआ, जिसके बाद आश्रम के ब्रह्मचारीगणों ने गुरु भक्ति के महत्व को उजागर करते हुए अपने विचार रखे। ब्रह्मचारी परमानंद चैतन्य ने कहा कि गुरु वो दीप हैं जो अज्ञान के अंधकार को चीर कर जीवन को प्रकाशमय बना देते हैं।

ब्रह्मचारी नारायण चैतन्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु ही वह सेतु हैं जो भक्त को परमात्मा से जोड़ते हैं।

आचार्य हंस चैतन्य ने कहा कि गुरु के चरणों में समर्पण ही वह प्रथम सीढ़ी है जिससे आत्मा सत्य की ओर अग्रसर होती है। इसके पश्चात महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीश पुरी जी महाराज ने शिष्यों को अत्यंत प्रेरक एवं भाव-विभोर कर देने वाला उद्बोधन दिया।

उन्होंने कहा कि गुरु केवल उपदेशक नहीं, बल्कि वे चेतना के स्रोत हैं। शिष्य यदि श्रद्धा से अपने अंतःकरण को खोल दे, तो गुरु उसमें ब्रह्मज्ञान की अखंड ज्योति प्रज्वलित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु की सेवा, उनकी आज्ञा में रत रहना ही सच्ची उपासना है, क्योंकि गुरु के बिना आत्मा का उत्थान संभव नहीं। महाराजश्री ने यह भी कहा कि गुरु पूर्णिमा केवल पर्व नहीं, यह आत्मसाक्षात्कार का एक अमूल्य अवसर है जब शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर आत्म-शुद्धि की दिशा में अग्रसर होता है।

कार्यक्रम के दौरान स्वामी जगदीश पुरी महाराज सहित अन्य संत-महात्माओं द्वारा आचार्य विग्रहों का पूजन किया गया। तत्पश्चात गुरु पूजन की परंपरा का निर्वहन करते हुए आश्रम के ब्रह्मचारियों के साथ गंगापुर निवासी भंडारे के पुण्यार्जक भगवती लाल, गिरिराज, राधेश्याम, हर्ष कुमार, पराग एवं हर्षमीत झवर ने विधिवत पूजन किया। इस अवसर पर स्वामी जगदीश पुरी महाराज ने जोधपुर निवासी डॉ. उमादत्त शर्मा एवं भारती शर्मा द्वारा आश्रम में निर्मित नवीन आवासीय शेड का विधिवत लोकार्पण भी किया।

कार्यक्रम के दौरान आश्रम के विकास एवं सेवाओं में योगदान देने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, प्रधान कौशल शर्मा, पूर्व सरपंच किशोर कुमार शर्मा, ट्रस्टी भेरूलाल शाह, तथा आश्रम के प्रारंभिक काल में विशेष सेवाएं देने वाले हरनाथ राम महाराज, जगन्नाथ, गंगाराम, रामकरण, राधेश्याम, रामचंद्र, राजू सुथार एवं राम कल्याण सेन को स्वामी श्री जगदीश पुरी महाराज ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

गुरु पूजन में उमड़ा श्रद्धा का सागर

कार्यक्रम के दौरान गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल हुए सभी श्रद्धालुओं ने गहन श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ गुरु पूजन किया। यह पूजन क्रम लगभग तीन घंटे तक लगातार चलता रहा। इस दौरान श्रद्धालु महिला-पुरुष प्रचंड गर्मी और तपन के बावजूद अनुशासित रूप से लंबी कतारों में खड़े रहकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। जैसे-जैसे श्रद्धालु गुरु चरणों तक पहुँचे, उन्होंने अपने भावों, आस्थाओं और समर्पण को सच्चे मन से अर्पित किया, जिससे आश्रम परिसर में एक आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्यता की अनुभूति होती रही

"पर्वत प्रणम्य संत" की उपाधि से अलंकृत हुए स्वामी जगदीश पुरी महाराज

कार्यक्रम के दौरान आश्रम के ट्रस्टी सुरेंद्र जोशी ने महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज को "पर्वत प्रणम्य संत" की विशिष्ट उपाधि से अलंकृत करते हुए उन्हें भावपूर्ण सम्मान अर्पित किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने अपनी तपस्या, संकल्प और अदम्य कर्मशीलता से न केवल मानव जीवन को आलोकित किया, बल्कि निर्जीव पर्वतों तक को नतमस्तक होने पर विवश कर दिया। जोशी ने उल्लेख किया कि संकट हरण हनुमत धाम तक की दुर्गम और विकट पर्वतीय राहें स्वामीजी के पुरुषार्थ से समतल मार्ग में परिवर्तित हो गईं। साथ ही, आश्रम के पीछे स्थित विशाल शिला-श्रृंखलाएं भी उनकी गौसेवा की भावनाओं के आगे नतमस्तक होकर, गौशाला विस्तार की साधना में सहयोगी बन गईं। यह उपाधि केवल शब्द नहीं, बल्कि उस आध्यात्मिक शक्ति और सामाजिक समर्पण की पहचान है, जो स्वामीजी के व्यक्तित्व में समाहित है।

मुख्यमंत्री की ओर से स्वामी जगदीश पुरी महाराज का सम्मान

गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की ओर से महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए सम्मान पत्र को जहाजपुर के उपखंड अधिकारी राजकेश मीणा, विधायक गोपीचंद मीणा तथा पूर्व सरपंच किशोर कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से महाराजश्री को भेंट किया। यह सम्मान उनके आध्यात्मिक योगदान, गौसेवा, सामाजिक उत्थान तथा धार्मिक चेतना के प्रसार के प्रति समर्पण को समर्पित था।

यह भी रहे मौजूद

कार्यक्रम में आश्रम के ट्रस्टीगण टी.सी. चौधरी, सुरेश चंद्र रुइया, संजय निमोदिया, दिनेश तोषनीवाल, भंवर सिंह राठौड़, हुकम सिंह चौहान, भंवरलाल झवर, जगदीश स्वरूप मेवाड़ा, पूरण कुमार कारिहा, शिवरतन मूंदड़ा, भवानी शंकर पाराशर, मुकेश कुमार बांगड़, महेंद्र कुमार गर्ग, केकड़ी की पूर्व प्रधान सीमा चौधरी, पूर्व प्रधान भूपेंद्र सिंह राठौड़, कन्हैया लाल यादव, सुशील कुमार लड्डा, भगवान मंडोवरा, हेमचंद सुल्तानिया, बहादुर सिंह गुर्जर, प्रताप शर्मा, रामेश्वर लाल मंडोवरा,सुरेश साहू सहित सैकड़ों श्रद्धालु महिला-पुरुषों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन आश्रम के ट्रस्टी सुरेंद्र जोशी द्वारा किया गया।

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