सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म दिवस

Update: 2025-12-25 14:55 GMT

बनेड़ा (( KK Bhandari ))भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म दिवस सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया । प्रभारी राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय लापिया डॉ. सरफराज अली खान ने बताया कि उपखंड अधिकारी बनेड़ा श्रीकांत व्यास एवं उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग भीलवाड़ा डॉ. महाराज सिंह के निर्देशानुसार भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री   अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म दिवस “सुशासन दिवस” के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय सरदार नगर में आयुर्वेद नर्स माधुरी मीणा, राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय मुंशी में आयुर्वेद नर्स मनराज जाट तथा राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय लापिया में आयुर्वेद नर्स रिंकू कुमारी मीणा द्वारा   अटल बिहारी वाजपेई जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके पश्चात उपस्थित समस्त कार्मिकों ने “सुशासन शपथ” ली।

डॉ. सरफराज अली खान ने बताया कि  अटल बिहारी वाजपेई भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे और उन्होंने यह पद तीन बार संभाला। वे एक महान राजनेता, ओजस्वी वक्ता एवं संवेदनशील कवि थे, जिनके भाषणों और रचनाओं ने देशवासियों को सदैव प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में भारत में दूसरी पीढ़ी के आर्थिक सुधारों की नींव रखी गई, जिनमें गोल्डन क्वाड्रिलेटरल परियोजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी ऐतिहासिक योजनाएं शामिल हैं, जिन्होंने देश के बुनियादी ढांचे को नई दिशा दी।

उन्होंने वर्ष 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण (ऑपरेशन शक्ति) कराकर भारत को परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में देश को मजबूत किया।   वाजपेई 9 बार लोकसभा एवं 2 बार राज्यसभा के सदस्य रहे, जो भारतीय राजनीति में उनके व्यापक प्रभाव को दर्शाता है।

उन्होंने शिक्षा, गरीबी उन्मूलन एवं ग्रामीण विकास को विशेष प्राथमिकता दी तथा आमजन के कल्याण हेतु अनेक दूरदर्शी नीतियां लागू कीं। शांत कूटनीति और ठोस परिणामों पर विश्वास रखने वाले अटल जी ने भारत की वैश्विक छवि को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम का उद्देश्य सुशासन के मूल्यों को आत्मसात कर जनसेवा को और अधिक प्रभावी बनाना रहा ।

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