भारतीय हॉकी टीम 44 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने से दो कदम दूर, आज रात साढ़े 10 बजे शुरू होगा मुकाबला
ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद दमदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय हॉकी टीम का सामना मंगलवार को पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में जर्मनी से होगा। भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक मुकाबले में जर्मनी को हराया था। हालांकि टीम के लिए विश्व चैंपियन जर्मनी की चुनौती आसान नहीं रहेगी, लेकिन ओलंपिक में 44 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने की राह पर उतरी भारतीय इस बाधा को पार करके टीम पीआर श्रीजेश को शानदार विदाई देने के अपने मिशन की अगला कदम रखेगी। भारतीय हॉकी टीम का जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला आज रात साढ़े 10 बजे शुरू होगा।
भारत के पास पदक पक्का करने का अवसर
भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला काफी अहम है। टोक्यो में टीम करीब आकर स्वर्ण से चूक गई थी, लेकिन इस बार हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम की कोशिश चैंपियन बनने की होगी। सेमीफाइनल जीतने पर भारत का रजत तो पक्का हो जाएगा जो आखिरी बार उसने 1960 में रोम में जीता था। भारत ने आठ ओलंपिक स्वर्ण में से आखिरी 1980 में मॉस्को में जीता था और अब पेरिस में उसके पास 44 साल बाद इतिहास रचने का मौका है।
फिर दीवार साबित हुए श्रीजेश
ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 10 खिलाड़ियों तक सिमटने के बावजूद भारतीय टीम ने जिस साहस और कौशल का प्रदर्शन करके मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक खींचा, वह काबिले तारीफ है। टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक मैच में जर्मनी की पेनल्टी बचाकर भारत को 41 साल बाद पदक दिलाने वाले नायक श्रीजेश एक बार फिर जीत के सूत्रधार बने। उन्होंने शूटआउट में ब्रिटेन के दो शॉट बचाए और इससे पहले निर्धारित समय के भीतर भी ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और 10 पेनल्टी कॉर्नर बनाए, लेकिन महज एक सफलता मिली। श्रीजेश का यह आखिरी टूर्नामेंट है और उन्हें स्वर्ण पदक के साथ विदा करने का मिशन भारतीय टीम के लिए अतिरिक्त प्रेरणा बना है।
भारत को खलेगी रोहिदास की कमी
ब्रिटेन के खिलाफ भारत ने करीब 42 मिनट 10 खिलाड़ियों के साथ खेला क्योंकि अमित रोहिदास को रेडकार्ड दिखाया गया था। अब सेमीफाइनल में भी भारत को अपने नंबर एक फर्स्ट रशर के बिना ही खेलना होगा जिन पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया है। हॉकी इंडिया ने हालांकि इसके खिलाफ अपील की है। रोहिदास की गैर मौजूदगी भारत को पेनल्टी कॉर्नर में भी खलेगी क्योंकि कप्तान हरमनप्रीत सिंह के बाद वह भारत के ड्रैग फ्लिक विशेषज्ञ हैं। उनकी गैर मौजूदगी में अब हरमनप्रीत पर अतिरिक्त दबाव रहेगा जो शानदार फॉर्म में हैं और अब तक सात गोल कर चुके हैं।
कैसा है दोनों का रिकॉर्ड?
विश्व रैंकिंग और एक दूसरे के खिलाफ रिकॉर्ड को देखें तो मौजूदा विश्व चैंपियन और चार बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जर्मनी और भारत में ज्यादा फर्क नहीं है। जर्मनी विश्व रैंकिंग में चौथे और भारत पांचवें स्थान पर है। क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना को हराने वाली जर्मनी का सामना भारत से टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक के मैच में हुआ था जिसमें भारत ने 5-4 से जीत दर्ज की थी। ओलंपिक से पहले भारत ने जर्मनी से अभ्यास मैच खेले थे और छह में से पांच जीते। इस साल जून में एफआईएच प्रो लीग के लंदन चरण में भारत ने जर्मनी को 3-0 से हराया, लेकिन रिटर्न मैच में 2-3 से हार गए। भारत का जर्मनी के खिलाफ रिकॉर्ड बेहतर है और उसने 18 में से आठ मुकाबले जीते हैं। इस दौरान भारत ने इस टीम के खिलाफ 41 गोल किए हैं, जबकि जर्मनी 37 गोल ही कर सकी है।