फेसबुक के जरिए बेची जा रही हैं चोरी की गई कारें? जानें कैसे बचें ऐसी धोखाधड़ी से

By :  vijay
Update: 2024-10-28 13:27 GMT

आज के जमाने में सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से पुरानी गाड़ियां खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है। और संभावित कार खरीदारों के युवा वर्ग के ऑनलाइन समय बिताने के साथ, डिजिटल स्पेस तुरंत और सुविधाजनक खरीदारी के लिए एक व्यस्त बाजार बन गया है। हालांकि, एक बात यह है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे माध्यमों से बेची जाने वाली हर कार वैसी नहीं हो सकती जैसी दिखती है।

न्यूयॉर्क में मोटर वाहन विभाग (DMV) ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है जो खास तौर पर फेसबुक से प्री-ओन्ड वाहन खरीदने के जोखिमों की ओर इशारा करती है। लेकिन इसके दिशा-निर्देश इस बारे में एक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं कि कैसे ठगे जाने से बचा जाए। जब एक इंटरनेट यूजर ने चोरी की गाड़ी खरीद ली है, तब लगातार बढ़ रही घटनाओं की ओर इशारा करते हुए दिशा-निर्देश में लोगों से वाहन और उसे बेचने वाले व्यक्ति दोनों की पूरी पृष्ठभूमि की जांच करने की अपील की गई है।

न्यूयॉर्क डीएमवी द्वारा जारी ये दिशा-निर्देश सिर्फ वहां के स्थानीय लोगों के लिए ही फायदेमंद नहीं हैं। बल्कि यह दुनिया भर के लोगों के लिए लागू होते हैं। जानें आप इससे क्या सीख सकते हैं?


वाहन को व्यक्तिगत रूप से चेक करें

किसी भी पुराने वाहन का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करना अनिवार्य है। बेहतर होगा कि निरीक्षण प्रक्रिया के लिए किसी मैकेनिक को बुला लें। इस मैकेनिक को आप जो फीस देंगे, वह वाहन की स्थिति का आकलन करने के लिए उसके प्रयास के लिए होगी। क्योंकि सोशल मीडिया पर बिकने वाली कार के बारे में किया गया हर दावा सच नहीं हो सकता। और अगर आप फेसबुक पर सिर्फ कार की तस्वीरें देखकर किसी पुराने वाहन खरीदने का फैसला कर रहे हैं। मैकेनिक को बुलाना बिल्कुल जरूरी है।

रजिस्ट्रेशन और चेसिस नंबर की जांच करें

आपको एक पुरानी कार पर बहुत बढ़िया डील मिली है, लेकिन अगर वह चोरी की हुई गाड़ी हो तो क्या होगा? कोई भी ऑफर इतना आकर्षक नहीं हो सकता कि उसके लिए आपको जेल जाना पड़े। इसलिए, पसंद आए वाहन के रजिस्ट्रेशन और चेसिस नंबर की तुरंत जांच करें। हालांकि यह ऑनलाइन भी किया जा सकता है। लेकिन भारत में इसके लिए अपने नजदीकी DMV (भारत में इसे आरटीओ कहा जाता है) पर जाएं - और वाहन के इतिहास की जांच के लिए औपचारिक रूप से आवेदन करें।

अगर वाहन चोरी की रिपोर्ट की गई होगी, तो रिकॉर्ड तुरंत इसे लाल झंडी दिखा देंगे। यह भी सुनिश्चित करें कि भले ही सब कुछ ठीक लगे, लेकिन वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर बिक्री के दस्तावेजों में लिखे नंबर के समान है।

नकद भुगतान से बचें

यह भी सलाह दी जाती है कि कोई भी भुगतान नकद में न करें। अगर संभव हो तो चेक से भुगतान करने पर जोर दें। इससे आपको संभावित धोखेबाज विक्रेता को अपना पैसा पाने से रोकने के लिए समय मिल सकता है। और अगर ऐसा विक्रेता चेक स्वीकार न करने पर जोर देता है, तो यह अपने आप में एक और लाल झंडी हो सकता है। भले ही यह संदिग्ध गतिविधि का ठोस सबूत न हो।

विश्वसीन लोगों से ही करें सौदा

ज्यादातर लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी विश्वसनीय स्रोत से या फिर कार निर्माताओं के प्री-ओन्ड व्यवसायों से ही सेकंड हैंड वाहन खरीदें। भारत में, प्री-ओन्ड कार व्यवसाय अभी भी काफी हद तक असंगठित है। भले ही कई डिजिटल-आधारित कंपनियों ने वाहनों को बेचने और खरीदने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है।

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