मोबाइल नंबर के जरिए धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम, दूरसंचार विभाग लाएगा नंबर चेक करने वाला नया सिस्टम

By :  vijay
Update: 2025-06-26 18:00 GMT
मोबाइल नंबर के जरिए धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम, दूरसंचार विभाग लाएगा नंबर चेक करने वाला नया सिस्टम
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दूरसंचार विभाग डीओटी ने मोबाइल नंबरों के ज़रिए होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए साइबर सुरक्षा नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। विभाग ने 24 जून को इस संबंध में एक मसौदा नियम जारी किया है, जिसमें मोबाइल नंबर की पहचान और सत्यापन को और सख्त व पारदर्शी बनाने की बात कही गई है।

एमएनवी प्लेटफॉर्म लाने की तैयारी में विभाग

बता दें कि दूरसंचार विभाग एक नया मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन प्लेटफॉर्म (एमएनवी प्लेटफॉर्म) लाने की तैयारी में है। इसके जरिए मोबाइल नंबर का ऑनलाइन और रियल टाइम सत्यापन किया जा सकेगा। यह प्लेटफॉर्म उन सभी संस्थाओं के लिए उपयोगी होगा जो ग्राहकों की पहचान के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करती हैं, जैसे कि बैंक और वित्तीय संस्थाएं (UPI ट्रांजैक्शन के लिए), डिजिटल लेनदेन करने वाले ऐप्स और बीमा कंपनियां आदि के लिए।

इस प्लेटफॉर्म के आने से क्या होगा?

इस प्लेटफॉर्म के जरिए यह चेक किया जा सकेगा कि किसी व्यक्ति या कंपनी का मोबाइल नंबर किसी अधिकृत संस्था या दूरसंचार लाइसेंसधारी के डेटाबेस में मौजूद है या नहीं। इससे फर्जी नंबर, जालसाजी, और साइबर धोखाधड़ी के मामलों में काफी कमी आने की उम्मीद है। यदि सत्यापन की प्रक्रिया सरकारी या अधिकृत इकाई द्वारा की जाती है, तो प्रति अनुरोध 1.5 रुपये शुल्क लगेगा। वहीं अन्य निजी इकाइयों को प्रति अनुरोध 3 रुपये शुल्क देना होगा।

30 दिनों के भीतर सुझाव देने को कहा

मामले में दूरसंचार विभाग ने आम जनता, कंपनियों और अन्य हितधारकों से इस मसौदे पर 30 दिनों के भीतर सुझाव देने को कहा है। सभी सुझावों की समीक्षा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं बात इसकी जरूरत की करें तो मोबाइल नंबर आज डिजिटल लेनदेन, बैंकिंग, ओटीपी और पहचान से जुड़े तमाम कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। फर्जी नंबरों के जरिए ठगी और धोखाधड़ी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में यह नया प्लेटफॉर्म सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाएगा।

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