अमेरिका में जन्म से ही नागरिकता मिलने के नियम को बदलवा सकते हैं ट्रंप? भारतीयों पर क्या होगा असर, जानें

Update: 2024-12-11 05:57 GMT

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उस कानून को हास्यास्पद बताया, जिसके तहत देश में जन्मे किसी भी व्यक्ति को अपने आप अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है। ट्रंप ने इशारा किया कि वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद इस कानून को खत्म करवाने के लिए कदम उठाएंगे।

ट्रंप के लिए नागरिकता से जुड़ा यह कदम इतना भी आसान हीं होगा, लेकिन अगर वे इस नियम को बदलवाने में सफल होते हैं तो इसका दूरगामी असर क्या होगा? इसका भारतीयों समेत बाकी देशों के नागरिकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

पहले जानें- क्या है जन्म से नागरिकता का नियम, ट्रंप की क्या मंशा?

बड़ी बात यह है कि यह अधिकार अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन के तहत दिया गया है, जिससे देश की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में जन्में हर व्यक्ति को अपने आप ही अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है, फिर चाहे उसके माता-पिता किसी भी मूल के हों।

नियम बदलने पर क्या बोले हैं ट्रंप?

ट्रंप ने कहा कि वह जन्म से मिलने वाले नागरिकता के नियम को भी बदल देंगे। ट्रंप ने कहा कि हमें इसे खत्म करना होगा। बाकी देशों में यह चलन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के नियम से देश के सिस्टम का फायदा उठाया जाता है और अमेरिकी नागरिक बनने के मानक थोड़े सख्त होने चाहिए। ट्रंप और उनके समर्थकों का कहना है कि इस नियम से बर्थ टूरिज्म (बच्चों के जन्म के लिए पर्यटन) को बढ़ावा मिलता है। इसके तहत माता-पिता अपने बच्चों के जन्म के लिए अमेरिका का दौरा करते हैं, ताकि उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल जाए।

ट्रंप का कहना है कि वे परिवारों को नहीं तोड़ना चाहते, इसलिए वे पूरे के पूरे परिवारों को ही एक साथ वापस उनके देश भेजने के पक्षधर हैं। रिपब्लिकन नेता ने दावा किया कि अमेरिका इकलौता देश है, जहां पर यह नियम है। हालांकि, उनका यह दावा गलत है, क्योंकि दुनिया के 34 अन्य देशों में भी यह नियम हैं।

क्यों मुश्किल है ट्रंप के लिए यह वादा निभाना?

ट्रंप का यह वादा उनके लिए गले की फांस भी बन सकता है। दरअसल, अमेरिकी संविधान को बदलने के नियम काफी सख्त हैं। ऐसे में संसद और राज्यों के जरिए इन नियमों को बदलवाना अमेरिकी राष्ट्रपतियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। इसके रास्ते में राज्य की विधायिकाओं से लेकर संसद के दोनों सदनों की चुनौतियां आ सकती हैं।

भारतीय-अमेरिकियों पर नियम का क्या असर?d

प्यू रिसर्च के 2022 की अमेरिकी जनगणना के विश्लेषण के मुताबिक, अमेरिका में करीब 48 लाख भारतीय रह रहे हैं। इनमें से 34 फीसदी या 16 लाख इस देश में ही पैदा हुए हैं। यह लोग मौजूदा कानून के तहत अमेरिका के नागरिक बन गए हैं। अगर ट्रंप इस कानून को खत्म कर देते हैं तो 16 लाख भारतीयों पर असर पड़ेगा।

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