समाज कंटकों पर नकेल की अनोखी पहल: पहले तिलक फिर प्रवेश दिया गया गरबा पांडाल में , महिलाएं भी पहुंची मर्यादित वेशभूषा में

Update: 2024-10-03 18:11 GMT

भीलवाड़ा (विजय गढ़वाल)। बजरंग दल और हिंदू संगठनों ने गरबा आयोजन में अवांछित लोगो और असामाजिक तत्व प्रवेश नहीं कर पाएं इसके लिए नवरात्रि के पहले दिन पांडालों में तिलक लगाकर ही प्रवेश दिया गया। पहले यह तय किया गया की गरबा स्थल पर आधार कार्ड चेक किया जाएगा। साथ ही महिलाये भी मर्यादित कपड़े पहनकर गरबा स्थल पर पहुंची । इसके लिए पहले ही उन्हें आगा कर दिया गया था।

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नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार को गरबा पंडालो में पहुंचे लोगों को कार्यकर्ताओं में सबसे पहले तिलक लगाया उसके बाद ही प्रवेश दिया ,वहां पहुंचे लोगों ने भी बिना किसी विरोध के तिलक लगाया अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया की कोई समाज कंटक पंडाल में पहुंचा हो।

महिलाओं को भी पहले ही आगाह कर दिया था कि वह मर्यादित कपड़ो में ही पंडालू तक पहुंचे इसके चलते आज अधिकांश महिलाएं मर्यादित वेशभूषा में ही गरबा पांडाल तक पहुंची है उधर पंडालू में माता की आरती के बाद गरबा महोत्सव शुरू हो गया रंग बिरंगी रोशनी में डंडियों की खनक देखते ही बन रही थी दूसरी ओर माता की आराधना के इन नौ दिनों को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये है


उल्लेखनीय की हरिसेवा धाम पर हुई बैठक में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भीलवाड़ा में गरबा आयोजन कराने वाली समितियों के सदस्य शामिल थे। बैठक में हुए फैसलों पर सभी ने सर्व सम्मति दी।दो दिन पहले मंगलवार को भीलवाड़ा में कटार दीक्षा के दौरान साध्वी सरस्वती ने आह्वान किया था कि गरबा के दौरान यहां आने वाले लोगों के आधार कार्ड चेक किए जाएं, ताकि अवांछित लोग गरबा पंडाल में प्रवेश न कर पाएं। इसके बाद बैठक में इन फैसलों पर विचार किया गया।

साध्वी सरस्वती ने मंगलवार को दीक्षा समारोह में आह्वान किया था कि आधार चेक कर के ही लोगों को पंडाल में प्रवेश दिया जाए।

साध्वी सरस्वती ने मंगलवार को दीक्षा समारोह में आह्वान किया था कि आधार चेक कर के ही लोगों को पंडाल में प्रवेश दिया जाए।

एंट्री पॉइंट पर ही दस्तावेज करेंगे चेक

मंगला चौक गरबा आयोजन मंडल के देवेंद्र हाडा ने बताया- गरबा स्थल पर असामाजिक तत्वों का प्रवेश रोकेंगे। महिलाओं से अपील है कि संस्कारी पोशाक पहनें। डीजे पर फिल्मी और अश्लील गाने बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। यह धार्मिक आयोजन है, इसलिए मर्यादा और संस्कृति का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

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