दिल्ली धमाके से हिला दक्षिण एशिया:: पाक सीमा पर फाइटर जेट्स की गश्त, ब्रिटेन-फ्रांस-अमेरिका ने जारी की चेतावनी

Update: 2025-11-11 02:05 GMT



नई दिल्ली। लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके ने न केवल भारत की राजधानी, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति पर केंद्रित कर दिया है।

दिल्ली में हुए इस कार ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि शुरुआती रिपोर्टों में 11 मौतों का दावा किया गया था। घटना के बाद से ही पड़ोसी पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय राजधानियों और वैश्विक सुरक्षा एजेंसियों में हलचल तेज हो गई है।

पाकिस्तान की सीमा पर अचानक बढ़ी हलचल

सूत्रों के अनुसार, धमाके के तुरंत बाद पाकिस्तान ने राजस्थान से लगती सीमा पर वायुसेना की पेट्रोलिंग बढ़ा दी है।

रात करीब 11 बजे इस्लामाबाद में तीनों सेनाओं के प्रमुखों की इमरजेंसी बैठक बुलाई गई। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, NSA और DG ISI भी देर रात तक समीक्षा बैठकों में शामिल रहे।

रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी रडार सिस्टम को बॉर्डर क्षेत्र में एक्टिव मोड पर रखा गया है और फाइटर जेट्स ने दो बार रूटीन गश्त उड़ानें भरीं।

 सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर

भारत ने पहले ही 11 राज्यों में हाई अलर्ट घोषित कर रखा है।

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने राजस्थान और पंजाब बॉर्डर पर पेट्रोलिंग बढ़ाई है, जबकि दिल्ली-एनसीआर में NSG और NIA की टीमें जांच में जुटी हैं।

प्रारंभिक जांच में दिल्ली पुलिस ने इसे हाई इंटेंसिटी विस्फोट बताया है, जिसमें रासायनिक तत्वों और विस्फोटक पदार्थों का मिश्रण इस्तेमाल किया गया।

फरीदाबाद में सोमवार दोपहर पकड़े गए संदिग्ध मॉड्यूल से इस धमाके का कनेक्शन तलाशा जा रहा है।


अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया: चिंता और सतर्कता दोनों

दिल्ली धमाके के बाद कई देशों ने अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी की है —

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय (FCDO) ने कहा है कि उसके नागरिक भारत-पाक सीमा से 10 किलोमीटर के भीतर, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर में यात्रा न करें।

अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों से लाल किले और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने को कहा है।

फ्रांसीसी दूतावास ने इसे “संभावित आतंकी घटना” बताते हुए कहा कि घटना की परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन अपने नागरिकों को “अत्यधिक सतर्क रहने” की सलाह दी गई है।

मिस्र और ईरान के दूतावासों ने भारत के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।


कूटनीतिक स्तर पर बढ़ी सरगर्मी

भारत के विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में तैनात सभी प्रमुख देशों के राजनयिकों को मंगलवार सुबह ब्रीफिंग के लिए बुलाया है।

कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, NIA की प्रारंभिक रिपोर्ट साझा की जाएगी ताकि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संभावित मॉड्यूल की पहचान की जा सके।

इसके अलावा, NSA स्तर पर भी समन्वय की प्रक्रिया शुरू हो गई है ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा पर सामूहिक रणनीति बनाई जा सके।


घटना की पृष्ठभूमि और राजनीतिक प्रतिक्रिया

धमाका 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जांच सभी संभावित एंगल से की जा रही है और “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और दिल्ली सहित सभी महानगरों में सुरक्षा घेरा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

 धमाका सिर्फ हादसा नहीं, एक संकेत भी

यह धमाका केवल एक सुरक्षा घटना नहीं, बल्कि उस भू-राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है जो दक्षिण एशिया में तेजी से आकार ले रही है।

भारत के भीतर जांच और विदेशों में बढ़ी चौकसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हर घटना का असर केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगा —

बल्कि राजनीतिक, सामरिक और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक गूंजेगा।


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