छत्तीसगढ़ में पकड़े गए आईएसआईएस से जुड़े नाबालिग,: अरबी भाषा सीखकर आतंकी गतिविधियों की तैयारी कर रहे थे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आईएसआईएस से जुड़े दो नाबालिगों को पकड़ा गया। जांच में पता चला कि ये दोनों अरबी भाषा सीखने की कोशिश कर रहे थे ताकि देश-विदेश और भारत के विभिन्न राज्यों के आतंकियों से सीधे संपर्क स्थापित कर सकें। एक ग्रुप चैट में उनकी कई इंस्टाग्राम आईडी भी सामने आईं।
एटीएस ने बताया कि किशोर डार्क वेब के माध्यम से हथियारों की कीमत और खरीदने के तरीकों की जानकारी जुटा रहा था। दोनों नाबालिगों के पास से आपत्तिजनक चैट और दस्तावेज मिले, जिससे पता चला कि वे छत्तीसगढ़ और भारत के कई शहरों में विस्फोट कराने के प्रयास में थे। उन्होंने खुद का संगठन तैयार करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाया था।
एटीएस ने संभावित बड़े खतरे की आशंका जताई है। टीम दोनों नाबालिगों के संपर्क में आने वाले लोगों की भूमिका की जांच कर रही है और फंडिंग करने वालों के डिजिटल साक्ष्यों को भी खंगाल रही है।
पकड़े गए नाबालिगों को छत्तीसगढ़ में हिंसा फैलाने और पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। उनके आर्थिक स्रोतों की जानकारी जुटाने के लिए परिजनों के बैंक खाते और संपत्तियों की जांच की जा रही है।
एटीएस के अनुसार दोनों पासपोर्ट बनवाने की तैयारी में थे, ताकि पाकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों में जाकर प्रशिक्षण ले सकें। पासपोर्ट नहीं बनने से वे भारत में ही सक्रिय सदस्यों के साथ मीटिंग की योजना बना रहे थे।
इस मामले में जांच का दायरा बढ़ाया गया है और दोनों से प्राप्त इनपुट के आधार पर अन्य संदिग्धों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।
