सिकंदरा में बनी 14 फीट ऊंची त्रिमूखी कालिका मां की प्रतिमा, महाकाल यात्रा के बाद भीलवाड़ा में होगी भव्य स्थापना

Update: 2025-10-15 23:30 GMT

भीलवाड़ा (राजकुमार माली)। सांवरिया हनुमान प्रतिमा के बाद अब भीलवाड़ा एक और दिव्य धार्मिक आयोजन की तैयारी में है। त्रिमूखी कालिका माता की 14 फीट ऊंची और 7 फीट चौड़ी विशाल प्रतिमा राजस्थान के दौसा जिले के सिकंदरा में तैयार की गई है।

मद्रास के काले पत्थर से निर्मित यह अद्भुत प्रतिमा अब विशेष रथ पर सवार होकर भीलवाड़ा लाई जाएगी, जहां से यह महाकाल की नगरी उज्जैन तक की पावन यात्रा पर निकलेगी।

🕉️ नीलेश महाराज करेंगे माता की महायात्रा का नेतृत्व


फूलबाई महाकाली मंदिर, पुर रोड के पुजारी नीलेश महाराज ने बताया कि प्रतिमा का निर्माण कार्य महीनों तक चला और इस पर लगभग 22 लाख रुपये का व्यय आया है।

माता का त्रिमूखी स्वरूप शक्ति, भक्ति और रक्षा का प्रतीक है।

नीलेश महाराज स्वयं माता की प्रतिमा के साथ भीलवाड़ा से उज्जैन तक यात्रा करेंगे।

यह यात्रा चित्तौड़गढ़, गुजरात और महाराष्ट्र से होती हुई उज्जैन पहुंचेगी, जहां महाकाल मंदिर परिसर में विशेष धार्मिक अनुष्ठान, महापूजा और दुर्गा सप्तशती पाठ किया जाएगा।

इसके बाद माता की प्रतिमा को पुनः भीलवाड़ा लाया जाएगा, जहां इसकी स्थायी स्थापना भव्य समारोह में की जाएगी।

🌼 भीलवाड़ा में आगमन पर निकलेगी 108 महिलाओं की कलश यात्रा

माता की प्रतिमा के भीलवाड़ा आगमन पर पूरे शहर में भक्ति का वातावरण रहेगा।

फूलबाई महाकाली मंदिर से 108 महिलाओं की कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो गाजे-बाजे, भजन-कीर्तन और जयकारों के बीच लेबर कॉलोनी, गांधीनगर रेलवे स्टेशन और संकट मोचन हनुमान मंदिर से होकर गुजरेगी।

यहीं से महंत बाबू गिरी महाराज विधिविधान से पूजा कर माता की प्रतिमा को उज्जैन महायात्रा के लिए रवाना करेंगे।

🚩 गणपति, शिव और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी आएंगी साथ


नीलेश महाराज ने बताया कि त्रिमूखी कालिका माता के साथ ही भगवान गणपति, भगवान शिव और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी सिकंदरा में ही तैयार करवाई गई हैं।

ये सभी प्रतिमाएं माता के साथ उज्जैन यात्रा पर जाएंगी और फिर भीलवाड़ा लौटकर एक ही स्थान पर स्थापित की जाएंगी।


यह स्थान भविष्य में बहु-देवालय रूपी विशाल मंदिर परिसर का स्वरूप लेगा।

🌸 मंदिर के भव्य निर्माण की योजना, स्थान का खुलासा शीघ्र

नीलेश महाराज ने बताया कि त्रिमूखी कालिका माता का मंदिर कलात्मक और आधुनिक शैली में विकसित किया जाएगा।

हालांकि अभी इसके स्थान और डिजाइन का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन योजना है कि यह मंदिर भीलवाड़ा का प्रमुख धार्मिक केंद्र बनेगा, जो देशभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।

✨ भीलवाड़ा बनेगा मातृशक्ति आराधना का केंद्र

सांवरिया हनुमान मंदिर की तरह अब त्रिमूखी कालिका माता मंदिर भी भीलवाड़ा की धार्मिक पहचान को नई ऊंचाई देगा।

भक्तों के अनुसार, “यह यात्रा केवल मूर्ति स्थापना नहीं, बल्कि मातृशक्ति के जागरण और आस्था के विस्तार का प्रतीक है।”


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