हर घर जल की तर्ज पर , 'हर खेत को जल योजना ,'प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 16 सौ करोड़ राज्यों से मांगे गए प्रस्ताव

Update: 2025-06-27 05:00 GMT

नई दिल्ली। हर घर  नल योजना की तर्ज पर अब  केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण मुहिम हाथ में लेते हुए हर खेत को पर्याप्त पानी पहुंचाने की योजना पर भी काम शुरू किया है। अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर देश के करीब दस राज्यों में इससे जुड़े पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।इससे खेती को बढ़ावा ओर किसानों को संबल मिलेगा 



 


पहले चरण में प्रोजेक्ट को ऐसे क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा, जो मौजूदा समय में सूखे के संकट से जूझ रहे है या फिर उन क्षेत्रों में सिंचाई के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि इससे जहां हर सीजन में किसान खेती कर सकेंगे,वहीं इससे उनकी आय में भी इजाफा होगा। अभी पानी के संकट के चलते किसान अपने खेतों में हर समय खेती नहीं कर पाते है।


राज्यों में शुरू होंगे इससे जुड़े पायलट प्रोजेक्ट

पायलट प्रोजेक्ट में पाइप के जरिए पानी उन खेतों में पहुंचेगा जहां कोई दूसरा माध्यम नहीं है। केंद्र की ओर से राज्यों को आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया कराई जाएगी, जबकि राज्य इसे अमल में लाएंगे। साथ ही पानी का पूरा प्रबंधन भी देखेंगे।

इस दौरान राज्य खेतों में पानी पहुंचाने का चार्ज भी लेंगे। यह कितना होगा, इसके निर्धारण का जिम्मा राज्यों के पास रहेगा। वैसे भी अभी नहरों के जरिए खेतों में पहुंचाने जाने वाले पानी को लेकर भी किसानों से राज्य एक चार्ज लेते है। पाटिल ने बताया कि राज्यों से पायलट प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव मांगे गए है।

प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 16 सौ करोड़

इस पायलट प्रोजेक्ट पर करीब 16 सौ करोड़ खर्च होंगे। मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इस पहल से पानी की बर्बादी भी रुकेगी। मौजूदा समय में नहरों या नालियों के जरिए खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के दौरान काफी पानी खेतों तक पहुंचने के दौरान ही बर्बाद हो जाता है। जबकि इस प्रोजेक्ट के तहत खेतों तक पानी पाइल लाइनों के जरिए पहुंचाया जाएगा। साथ ही खेतों में ड्रिप एरीगेशन के जरिए पानी मुहैया कराने में भी मदद दी जाएगी।

अगले डेढ़ साल में यमुना नदी के पानी को नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री पाटिल ने गुरुवार को दावा किया कि अगले डेढ़ साल में यमुना के पानी को भी नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य है। इस दिशा में दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है। उनका मंत्रालय भी उन्हें पूरी मदद कर रहा है। यमुना की सफाई को लेकर तैयार किए गए विस्तृत योजना के तहत पानी को नहाने योग्य बनाने के अगले डेढ़ साल में इसे पीने योग्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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