क्या आने वाली है एक और महामारी?: चीन में सामने आया एक नया कोरोनावायरस, कोविड-19 की ही तरह इंसानों के लिए हो सकता है खतरनाक

Update: 2025-02-22 08:09 GMT

साल 2019 के आखिरी के महीनों में चीन से शुरू हुआ नोवेल कोरोनावायरस का संक्रमण करीब तीन साल तक वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का कारण बना रहा। संक्रमण के मामले फिलहाल काफी नियंत्रित हैं, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि जिस तरह से वायरस की प्रकृति रही है ऐसे में इसमें फिर से नए म्यूटेशन होने और किसी नए वैरिएंट के आने के खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। मसलन कोविड-19 के मामले भले ही अब सामने नहीं आ रहे हैं फिर भी इसे पूरी तरह से खत्म नहीं माना जा सकता है।


कोविड-19 के खतरे से अभी भी पूरी दुनिया ठीक से उबर नहीं पाई थी, इसी बीच चीन से सामने आ रही हालिया जानकारियां फिर से डर बढ़ाने वाली हैं। चीन में वैज्ञानिकों की टीम ने एक नए प्रकार के कोरोनावायरस का पता लगाया है जिसके तेजी से फैलने का जोखिम हो सकता है।

ये नया कोरोनावायरस भी पिछले वायरस (सार्स-सीओवी-2) की ही तरह से चमगादड़ों में देखा गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी प्रकृति कई मामलों में सार्स-सीओवी-2 से मिलती-जुलती है। ये भी पहले वाले की ही तरह संक्रमण फैलाने के लिए मानव रिसेप्टर का उपयोग करता है। विशेषज्ञों ने इस संभावित खतरे को लेकर सभी को अलर्ट किया है।चीन में सामने आया ये नया बैट-कोरोनावायरस भी जानवरों से इंसानों में फैलने वाला माना जा रहा है, ठीक उसी तरह का जो COVID-19 महामारी का कारण बना था। वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि HKU5-CoV-2 नामक ये नया कोरोनावायरस मनुष्यों में तेजी से फैलने और गंभीर रोगों का खतरा बढ़ाने वाला हो सकता है।

गौरतलब है कि कोविड-19 रोग का कारण बनने वाला सार्स-सीओवी-2 वायरस भी सबसे पहले चीन में ही देखा गया था और इसका मुख्य स्रोत भी चमगादड़ों को ही माना जाता रहा है। इतना ही नहीं ये भी ACE2 नामक मानव रेसेप्टर कोशिकाओं को अटैक करके शरीर में बढ़ता रहा है।


HKU5-CoV-2 और इसका जोखिम

स्थानीय चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार वायरोलॉजिस्ट शि झेंगली के नेतृत्व वाली वाली टीम ने HKU5-CoV-2 की खोज की है। शि झेंगली को कोरोनावायरस पर अपने आजीवन काम के लिए "बैटवुमन" के नाम से भी जाना जाता है। विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि ये नया वायरस मेरबेकोवायरस सबजेनस से संबंधित है। मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) को भी इसी से संबंधित माना जाता रहा है।

इस नए वायरस वायरस की प्रकृति को लेकर जर्नल सेल में प्रकाशित एक पेपर में वैज्ञानिकों ने लिखा "बैट मेरबेकोवायरस (HKU5-CoV-2) जो जेनेटिक रूप से MERS-CoV से संबंधित हैं, मनुष्यों में फैलने का उच्च जोखिम पैदा करता है। वायरस की संरचना और क्षमताओं के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि ये श्वसन तंत्र और छोटी आंत में संक्रमण बढ़ाने वाला हो सकता है।

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कैसी है वायरस की प्रकृति

अध्ययनकर्ताओं ने कहा, ये जरूर एक प्रकार का नया कोरोनावायरस है पर इंसानों में इसके फैलने के जोखिमों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि भले ही ये ह्यूमन रिसेप्टर ACE2 से बाइंड हो सकता है पर सार्स-सीओवी2 की तुलना में ये उस तरह बाइंड भी कमजोर हो सकता है।

फिलहाल एचकेयू5-सीओवी-2 की प्रकृति को विस्तार से समझा जाना अभी बाकी है इसलिए प्रारंभिक स्थितियों से भविष्य के खतरे को लेकर बहुत ज्यादा अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है

क्या आने वाली है एक और महामारी?

नया कोरोनावायरस क्या एक और महामारी का कारण बनने जा रहा है? इस बारे में मिनेसोटा विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ओस्टरहोम कहते हैं, यह अतिशयोक्तिपूर्ण है। साल 2019 में जब नोवेल कोरोनावायरस फैला था, उसकी तुलना में वैश्विक आबादी में अब सार्स और मर्स वायरस के प्रति बहुत अधिक प्रतिरक्षित हो गई है। ऐसे में एचकेयू5-सीओवी-2 के कारण भी महामारी आने का जोखिम होगा, इसकी आशंका फिलहाल नहीं है। हालांकि वायरस कितना खतरनाक हो सकता है इसको समझा जाना अभी बाकी है।

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