राजकॉप ऐप और आईसीजेएस पोर्टल ने दिलाई पुलिस को बड़ी सफलता: राजस्थान में 27 मामलों में चालानशुदा कुख्यात नकबजन पवन मीणा भीलवाड़ा में गिरफ्तार

Update: 2025-11-25 17:20 GMT

भीलवाड़ा  BHN.शहर कोतवाली पुलिस ने अत्याधुनिक तकनीक की मदद से राजस्थान के कई जिलों में सक्रिय, वांछित और कुख्यात नकबजन पवन मीणा (40) को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी बांरा जिले के बड़ा ऊंचा गांव का रहने वाला है और उस पर चोरी व लूट के कुल 27 प्रकरण दर्ज हैं।

 हीरा ट्रेडर्स में की थी ₹2.45 लाख की चोरी 

18 नवंबर 2025 की सुबह बाजार नंबर दो स्थित हीरा ट्रेडर्स से लगभग ₹2,45,000 नकद चोरी होने की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। दुकान मालिक परमानंद गुरनानी द्वारा दी गई सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जहां दुकान के दोनों ताले टूटे मिले। सीसीटीवी फुटेज में सुबह 5:15 बजे चोरी की वारदात साफ दिखी।

 राजकॉप ऐप से हुई आरोपी की पहचान

उच्च अधिकारियों के निर्देश पर थानाधिकारी सुनील चौधरी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। इलाके के सीसीटीवी कैमरों की बारीकी से जांच के दौरान एक फुटेज में आरोपी का चेहरा स्पष्ट दिखाई दिया। फोटो को तुरंत राजकॉप ऐप में मैच कराया गया, जिससे उसकी पहचान पुख्ता हुई।

आईसीजेएस पोर्टल पर की गई गहन सर्च से पता चला कि पवन मीणा वर्षों से राजस्थान के कई जिलों के रेलवे स्टेशनों के आसपास सक्रिय रहा है। वह अकेली महिलाओं व यात्रियों से आभूषण लूटने, दुकानों में नकबजनी करने और जिले बदल–बदल कर पुलिस से बचने में माहिर है।

भीलवाड़ा में दोबारा वारदात से पहले रैकी करते दबोचा

पुलिस ने आरोपी के गांव, उसके संभावित आवागमन मार्गों तथा विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर निगरानी बढ़ाई। इसी दौरान भीलवाड़ा में दोबारा रैकी करते समय उसे पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने चोरी कबूल की और बताया कि वह अपने हैंडबैग में हमेशा एक फोल्डिंग सरिया रखता है, जिससे वह आसानी से ताले तोड़ देता है। पुलिस ने यह सरिया भी बरामद कर लिया है।

थानाधिकारी चौधरी के अनुसार आरोपी अत्यंत शातिर है, लगातार ठिकाने बदलता है और नशे का आदी होने के कारण वारदातें करता रहता है।

 राजस्थान में 27 आपराधिक केस दर्ज

जांच में सामने आया कि पवन मीणा पर राजस्थान के विभिन्न जिलों में कुल 27 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इनमें ज्यादा मामले चोरी के हैं, जबकि कुछ लूट और अवैध हथियार रखने से संबंधित भी हैं।

उसके खिलाफ पहला मुकदमा वर्ष 2005 में जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद से उसके मामले निम्नलिखित थानों में पंजीबद्ध होते गए: जवाहर नगर जयपुर, ट्रांसपोर्ट नगर जयपुर,जवाहर नगर कोटा, नयापुरा कोटा,नाहरगढ़ रोड जयपुर,कोतवाली जयपुर,कोतवाली अजमेर,कोतवाली बीकानेर, कोतवाली पाली,जीआरपी उदयपुर,जीआरपी चित्तौड़गढ़,सदर बाजार जोधपुर,धान मंडी उदयपुर।

 कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम

इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में थानाधिकारी सुनील चौधरी के साथ सहायक उप निरीक्षक अशोक सोनी, सुरेश खटीक, हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार, चंद्रभान आदि शामिल थे।

पुलिस अब आरोपी से अन्य वारदातों व उसके नेटवर्क से जुड़े और सुराग जुटाने में लगी है।


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