भीलवाड़ा/जोधपुर।
राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ ने भीलवाड़ा नगर विकास न्यास (यूआईटी) की विवादित भूखंड लॉटरी योजना की आगामी प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी एवं न्यायमूर्ति अनूरूप सिंघी की खंडपीठ ने 11 नवम्बर 2025 को सुनवाई के दौरान पारित किया।
इस मामले में जनहित याचिका एडवोकेट हेमेन्द्र शर्मा एवं सामाजिक कार्यकर्ता राघव कोठारी और पवन त्रिपाठी द्वारा जोधपुर के एडवोकेट नमन मुनोत के माध्यम से दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने यूआईटी की लॉटरी आवंटन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, धांधली और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए थे।
मामले को Case No. CW/21943/2025 के रूप में पंजीकृत किया गया, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने 525 पृष्ठों के साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान ही अदालत ने आवंटन पत्र जारी करने एवं आगे की प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की है।इस आदेश को भीलवाड़ा के सैकड़ों आवेदकों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने लॉटरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे।