जहाजपुर में कत्ल-देर रात देवर ने छीन ली बेवा भाभी की सांसें: तीन मासूमों से उनकी मां का आंचल छिन गया, गांव गम में डूबा
भीलवाड़ा BHN.जिले का छाजेला का खेड़ा गांव मंगलवार की रात एक ऐसी चीख सुनने से रह गया, जिसने एक मां की जिंदगी खत्म कर दी और तीन बच्चों के सिर से हमेशा के लिए मां का साया उठा लिया। बेवा नेराजी मीणा की अपने ही देवर के हाथों गला दबाकर हत्या ने पूरे गांव को हिला दिया है। हर कोई स्तब्ध है, क्योंकि यह दर्द किसी अनजान ने नहीं, घर के ही एक रिश्ते ने दिया।
मेराजी की आखिरी रात
चार साल पहले पति धनराज मीणा को खो चुकी 30 वर्षीय नेराजी अपने तीन बच्चे-बच्चियों के सहारे जी रही थी। हर दिन की जद्दोजहद के बीच वह बच्चों के लिए एक मजबूत सहारा बनी हुई थी। मंगलवार रात भी वह हमेशा की तरह बच्चों को सुलाकर खुद सो गई थी। उसे क्या पता था कि यह उसकी जिंदगी की आखिरी रात होगी।
रात करीब दस बजे घर की जाली टूटने की आवाज से उसकी नींद खुली। उसने दरवाजा खोला ही था कि सामने उसका देवर कालू पुत्र सोजीराम मीणा खड़ा था। अगले ही पल उसके गले पर कालू की उंगलियां कस गईं। वह शायद चीखना चाहती होगी, अपने बच्चों का नाम पुकारना चाहती होगी, लेकिन उसकी सांसें वहीं थम गईं।
मासूमों पर टूटा पहाड़
जिस घर में कुछ देर पहले बच्चे अपनी मां के पास चैन से सोए थे, सुबह वही घर मातम में डूबा मिला। मां का न होना कितना बड़ा दर्द होता है, यह शायद वे तीन मासूम उम्रभर समझते रहेंगे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
रात 12 बजे घटना की सूचना मिलते ही जहाजपुर थाना प्रभारी आरके नायक, दीवान कमलेश मय दल-बल सहित मौके पर पहुंचे। नेराजी का शव अस्पताल भेजा गया। सूचना पर पहुंचे उसके भाई खेमराज ने थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपित कालू मीणा को तत्काल डिटेन कर लिया है। पूछताछ जारी है, और पुलिस का कहना है कि जल्द ही वारदात की पूरी सच्चाई सामने रखी जाएगी।
गांव में खामोशी, दिलों में दर्द
पूरे छाजेला का खेड़ा में सन्नाटा पसरा है। हर कोई घटना की क्रूरता पर हैरान है। एक रिश्ते की बेरहमी ने न सिर्फ एक महिला की जान ले ली, बल्कि तीन बच्चों से मां का प्यार भी छीन लिया।
लोग बस एक ही बात कह रहे हैं—
ऐसा किसी के साथ ना हो, किसी घर की रोशनी यूं न बुझे।
