जासिर बिलाल: दिल्ली दहलाने के लिए ड्रोन बना रहा था, NIA ने 10 दिन की कस्टडी में लिया

Update: 2025-11-19 10:36 GMT

 नई दिल्ली. लाल किले के पास पिछले हफ्ते हुए कार ब्लास्ट मामले में NIA को एक और अहम सुराग मिला है। जांच में सामने आया है कि 20 साल का कॉलेज स्टूडेंट  जासिर बिलाल वानी  दिल्ली में बड़े हमले की साजिश के तहत घातक ड्रोन और रॉकेट का शुरुआती मॉडल  तैयार कर रहा था। पटियाला हाउस कोर्ट ने जासिर को  10 दिन की NIA कस्टडी  में भेज दिया है।

इससे पहले गिरफ्तार आरोपी राशिद मीर को भी अदालत 10 दिन की रिमांड पर भेज चुकी है। राशिद पर मुख्य आत्मघाती हमलावर उमर नबी को i20 कार और हथियार उपलब्ध कराने का आरोप है। उमर नबी विस्फोट में मारा गया था।

काजीगुंड से पकड़ा गया था जासिर

कुलगाम के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज लेवडोरा का छात्र जासिर पिछले हफ्ते अनंतनाग के  काजीगुंड  में अपने मामा के साथ हिरासत में लिया गया था। सोमवार को उसकी औपचारिक गिरफ्तारी के बाद NIA उसे दिल्ली लाई और कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया।

एजेंसी का दावा है कि जासिर इस मॉड्यूल के टेक्निकल विंग में शामिल था। वह ड्रोन को हथियार ले जाने योग्य बनाने की कोशिश कर रहा था और साथ ही एक रॉकेट का प्रोटोटाइप** तैयार करने का प्रयास भी कर रहा था। NIA के अनुसार यह सभी गतिविधियां लाल किला ब्लास्ट को सपोर्ट करने के उद्देश्य से थीं।

मॉड्यूल के मुख्य संचालक डॉक्टर भाई

NIA की जांच में सामने आया कि जासिर के पड़ोसी दो डॉक्टर भाई – डॉ. आदिल और डॉ. मुजफ्फर राथर – इस मॉड्यूल के कथित मुख्य ऑपरेटर हैं।

• छोटा भाई डॉ. आदिल – यूपी के सहारनपुर से पकड़ा गया

• बड़ा भाई डॉ. मुजफ्फर – अफगानिस्तान में छिपे होने की आशंका

जासिर की गिरफ्तारी का गहरा सदमा उसके परिवार पर पड़ा। उसके पिता बिलाल अहमद वानी  ने गिरफ्तारी के अगले दिन खुद पर केरोसिन छिड़क कर आग लगा ली और सोमवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिवार का कहना है कि जासिर बेगुनाह है और डॉक्टर भाइयों को वह सिर्फ पड़ोसी होने के नाते जानता था।

जांच का दायरा NCR तक, अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर भी शिकंजा

लाल किला विस्फोट की जांच अब दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच चुकी है। फरीदाबाद स्थित  अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर भी एजेंसियों ने शिकंजा कसा है। यूनिवर्सिटी के संस्थापक  जावेद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की ED कस्टडी में भेजा गया है। मंगलवार को ED ने अल-फलाह से जुड़े 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

एजेंसी का दावा

• यूनिवर्सिटी ने UGC मान्यता और NAAC रेटिंग के बारे में झूठे दस्तावेज दिए

• 2018–2025 के बीच  415.10 करोड़ रुपये की आय  दिखाई

• 2018–19 में आय 24.21 करोड़

• 2024–25 में बढ़कर 80.10 करोड़

लाल किला धमाका अब कई राज्यों में फैले एक बड़े आतंकी मॉड्यूल की परतें खोल रहा है। NIA आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों की आशंका जता रही है।

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