25 साल की महिला ने 14 साल 10 माह के बालक से नाता विवाह कर बनाये संबंध, न्यायालय ने पंच-पटेलों पर की टिप्पणी, लिखा- बालकों पर रूढि़वादी सामाजिक परंपराओं के नाम पर ऐसा कृत्य करने का साहस ना करें
भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। 25 साल की महिला के एक 14 साल 10 माह के बालक से न केवल नाता विवाह कर लिया, बल्कि महिला ने बालक के साथ शारीरिक संबंध भी बनाये। बाद में पंच पटेलों व सामाजिक दबाव में आकर पीडि़त पक्ष ने राजीनामा भी कर लिया। इस मामले को बीगोद पुलिस ने पुलिस ने मामले को महज झगड़ा राशि विवाद व सामाजिक विवाद मानते हुए एदम वकुवा झूठा माना और न्यायालय के समक्ष एक एफआर प्रार्थना पत्र पेश किया । इस पर विशिष्ट न्यायाधीश (पोक्सा एक) ने एफआर प्रार्थना-पत्र को खारिज करते हुये मामले की एएसपी स्तर के अधिकारी से जांच के आदेश दिये। साथ ही न्यायालय ने टिप्पणी भी कि की किसी भी पीडि़त बालक के साथ पुरानी रूढि़वादी सामाजिक परंपराओं के नाम पर इस प्रकार का कृत्य सर्वथा अनुचित है। पंच पटेल या कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का कृत्य करने का साहस ना करें ।
न्यायालय सूत्रों के अनुसार, पुलिस थाना बीगोद के एक मामले में एक पीडि़त बालक के पिता ने पॉक्सो कोर्ट में परिवाद पेश किया कि उसके ही समाज की पूर्व विवाहित एक महिला ने परिवादी के नाबालिक पुत्र का अपने परिवार जनों की सहायता से अपहरण कर विवाह कर लिया और उसके नाबालिक पुत्र के साथ शारीरिक संबंध बनाये और अश्लील फोटो वीडियो बनाये। इन अश्लील फोटो वीडियो को वायरल करने और बलात्कार के झूंठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर 200000 की मांग की । करीब एक माह तक आरोपित महिला ने अपने रिश्तेदार के घर पर पीडि़त बालक को बंधक बनाकर रखा । समाज के पांच पटलो और मौतवीर व्यक्तियों के सामने आरोपितों ने डेढ़ लाख रुपए यह आश्वासन देते हुए ले लिए कि वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। फिर भी उन्होंने पुलिस थाना बीगोद पर बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया और 200000 रुपये लेने के लिए अड़े रहे।
न्यायालय आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान किया तो यह तथ्य सामना आया कि पीडि़त बालक के परिवारजन व आरोपित महिला के परिवारजनों ने समाज के पांच पटेलो के समझाने पर आरोपित महिला के पूर्व पति को झगड़ा राशि दे दी । पीडि़त बालक का नाता विवाह आरोपित महिला के साथ कर दिया। पुलिस ने मामले को महज झगड़ा राशि विवाद व सामाजिक विवाद मानते हुए एदम वकुवा झूठा माना और न्यायालय के समक्ष एक एफआर प्रार्थना पत्र पेश किया । इस पर न्यायालय द्वारा सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया कि समाज के पांच पटेल और पीडि़त बालक तथा आरोपित महिला के परिवार ने यह जानते हुए कि उस समय आरोपित महिला लगभग 25 वर्ष की थी और पीडि़त बालक की उम्र 14 साल 10 माह होकर 16 वर्ष भी नहीं थी,,,, बावजूद उसके इन व्यक्तियों ने पीडि़त बालक के साथ आरोपित महिला का नाता विवाह कर दिया और पीडि़त बालक के साथ महिला ने शारीरिक संबंध बनाये। पंच पटेलो व सामाजिक दबाव में पीडि़त पक्ष ने आरोपितों से राजीनामा कर लिया तथा कोर्ट के सामने परिवादी ने पुलिस द्वारा निकाले गए नतीजा अदम वाकुवा झूठ पर अनापत्ति जाहिर की । साथ ही पीडि़त बालक को भी इसके लिए रजामंद कर लिया।
न्यायालय ने की टिप्पणी- रुढि़वादी परंपराओं के नाम पर पंच-पटेल ऐसे कृत्य करने का ना करें साहस
इस पर न्यायालय ने टिप्पणी की कि किसी भी पीडि़त बालक के साथ पुरानी रूढि़वादी सामाजिक परंपराओं के नाम पर इस प्रकार का कृत्य सर्वथा अनुचित है । न्यायालय ने एफ आर प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए मजीद अनुसंधान के लिए पत्रावली एसपी भीलवाड़ा को प्रेषित की ताकि रूढि़वादी सामाजिक परंपराओं के नाम पर पंच पटेल या कोई भी संबंधित व्यक्ति इस प्रकार का कृत्य करने का साहस ना करें ...और न्याय व्यवस्था पंगु न बने तथा लोगों के मन में अपराध नहीं करने का डर और न्याय व्यवस्था पर विश्वास दोनों बने रहे। न्यायालय ने प्रकरण का अनुसंधान एएसपी स्तर के अधिकारी से कराने के आदेश दिये हैं।
