राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा आदेश:: हाईवे से 500 मीटर के भीतर सभी 1102 शराब ठेके 2 महीने में हटाए जाएं
जोधपुर राजस्थान में नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे मौजूद शराब के ठेकों को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने बुधवार को आदेश दिया कि हाईवे से 500 मीटर के दायरे में चल रहे सभी 1102 शराब की दुकानों को दो महीने के भीतर हटाया जाए। यह फैसला चूरू निवासी कन्हैयालाल सोनी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनाया गया।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने ‘नगरपालिका क्षेत्र’ की आड़ लेकर हाईवे को लिकर-फ्रेंडली कॉरिडोर में बदल दिया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का यह सरासर उल्लंघन है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चाहे दुकानें नगरपालिका सीमा में आती हों, लेकिन यदि वे हाईवे से 500 मीटर की सीमा में हैं, तो शिफ्ट करना अनिवार्य होगा।सरकार ने अपनी दलील में माना कि राज्य की 7665 दुकानों में से 1102 दुकानें हाईवे पर आती हैं और इनसे करीब 2221.78 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और राजस्व कमाने के लिए लोगों की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता।कोर्ट ने कहा कि ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में इस वर्ष लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सितंबर 2025 तक ऐसे 43,788 मामले दर्ज किए गए। हाल में जयपुर के हरमाड़ा और जोधपुर के फलोदी में हुए भीषण हादसों में कई लोगों की मौतें इसी बात को दर्शाती हैं कि शराब पीकर गाड़ी चलाना कितना जानलेवा हो गया है।
अदालत के निर्देश
• नेशनल या स्टेट हाईवे से 500 मीटर की दूरी के भीतर कोई शराब की दुकान नहीं चलेगी।
• सरकार को 1102 ठेकों को 2 महीने में हटाना होगा।
• हाईवे से दिखाई देने वाले किसी भी शराब विज्ञापन या होर्डिंग पर तुरंत रोक।
• अगली सुनवाई 26 जनवरी 2026 को होगी, जिसमें आबकारी आयुक्त को पालन रिपोर्ट पेश करनी होगी।
प्रदेश में वर्तमान में करीब 7765 शराब दुकानें संचालित हैं, जिनसे 2024-25 में 17,200 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। हाईकोर्ट के इस फैसले से अब शराब ठेकों का बड़ा पुनर्गठन तय माना जा रहा है।
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