भीलवाड़ा नगर विकास न्यास की भूखंड आवंटन की लॉटरी प्रक्रिया पर न्यायालय ने दिया स्टे, वकीलों में खुशी, आमजन में निराशा
भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा नगर विकास न्यास की 3081 भूखंडों का लॉटरी से आवंटन प्रक्रिया पर अग्रिम आदेश तक स्टे लगा दिया गया। स्टे का आदेश शुक्रवार को सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट (पूर्व) ने जिला अभिभाषक संस्था की याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया। इस आदेश से जहां अधिवक्ता समुदाय में खुशी है, वहीं भूखंड के लिए आवेदन करने वाले आमजन में निराशा छा गई।
बता दें कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए अपना आशियाना हो, इस उद्देश्य से प्रदेश की भजन लाल सरकार ने बजट में भूखंड आवंटन की घोषणा की थी। इसी के तहत नगर विकास न्यास ने शहर के पंचवटी, तिलकनगर, मोहनलाल सुखाडिय़ा नगर, एपीजे अब्दुल कलाम नगर, पटेलनगर, पटेलनगर विस्तार, आरपी लढ़ा नगर, नया पुर में विभिन्न साइज के भूखंड आवंटित किये जाने के लिए योजना लागू की। इसके तहत आमजन से आवेदन लिये जा रहे थे। इस बीच, जिला अभिभाषक संस्था ने न्यायालय में इस योजना पर स्टे के लिए याचिका दायर कर दी। संस्था सूत्रों का कहना था कि तत्कालीन राज्य सरकार के स्वायत शासन विभाग ने वर्ष 2013 में एक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत न्यास की किसी भी योजना में वकील समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान रखा गया था। इसबीच नगर विकास न्यास ने आठ आवासीय योजना से संबंधित विज्ञप्ति जारी की जाकर आवेदन आमंत्रित किये गये। इस आवेदन से आकर्षक दरों पर भूखंडों का लॉटरी के द्वारा आवंटन किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन राज्य सरकार ने 2 जुलाई 2013 को जारी अधि सूचना की अवमानना करते हुये अधिवक्ताओं को 5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं किया। अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य विधि विरुद्ध है। इसे लेकर जिला अभिभाषक संस्था ने न्यायालय में याचिका दायर कर संपूर्ण योजना पर स्थगन के आदेश की मांग की। इस वाद पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत ने सुनवाई पूरी कर नगर विकास न्यास की भूखंडों की आवंटन लॉटरी पर स्टे का आदेश दिया। इस मौके पर अधिवक्ता राजेश शर्मा, साबीर हुसैन, ओमप्रकाश तेली सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे। उधर, इस आदेश से अधिवक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं आमजन में निराशा का माहोल है।
यूआईटी सेक्रेट्री ललित गोयल ने कहा कि फॉर्म बिकने व जमा होने पर रोक नहीं यूआईटी की आवासीय योजनाओं में भूखंड आवंटन के लिए आवेदन प्रकिय्रा पर कोर्ट की रोक नहीं है। कोर्ट ने केवल लॉटरी व आगे की कार्रवाई पर रोक लगाई है। आवेदन बिकेंगे और जमा भी होते रहेंगे।