फिर चिराग में घुसा घोटाले का जिन्न...: यूआईटी में भ्रष्टाचार पर पहले खूब मचा शोर, अब छाया सन्नाटा

Update: 2024-08-31 16:30 GMT

भ्रष्टाचार पर ख़ामोशी

भीलवाड़ा। नेताओं की सुविधानुसार सामने आना वाला घोटाले का जिन्न अब वापस चिराग में जा चुका है। भीलवाड़ा यूआईटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ दिनों पहले राजनीति के कलाकारों का शो देखने को मिला। नाटकीय ढंग से शोर शराबा भी हुआ, घपलों के विरूद्ध बड़ी-बड़ी बातें की गई, आवाज मुखर होती देख, भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रहे लोगों को उम्मीद भी जगी। लेकिन नतीजा फिर वहीं ढाक के तीन पात...। अब भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर सन्नाटा छा गया है। लोगों का यहां तक कहना है कि यह केवल नेताओं के लिए महज चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है, जो मतदान के कुछ दिनों पहले बाहर निकलकर आता है और नतीजों के बाद वापस इस मुद्दे पर खामोशी छा जाती है। उनका मानना है कि यूआईटी में भ्रष्टाचार का मुद्दा शायद अब नगर निकायों के चुनाव के समय ही वापस उठेगा।


विधायक ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा

शहर के निकायों में होने वाले भ्रष्टाचार के मुद्दे को पहली बार विधायक बने अशोक कोठारी ने विधानसभा में सत्र के दौरान उठाया था। उन्होंने जल्द ही यूआईटी, नगर परिषद सहित विभिन्न सरकारी जगहों पर हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। इस दौरान कोठारी के कई समर्थकों ने भी यूआईटी व नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जनता के सामने जोर-शोर से अपनी आवाज उठाई। लेकिन अब लोगों में यह काना-फूंसी का विषय है कि भले की इस बार शहर में सत्तारूढ पार्टी का विधायक नहीं चुना गया, मगर जो चुने गए उनकी विचारधारा तो एक ही है।

धरना, प्रदर्शन की चेतावनी देने वाले चुप

करीब दो माह पूर्व भ्रष्टाचार का मुद्दा गरम होने के बाद शहर के विभिन्न राजनीतिक दलों से ताल्लूक रखने वाले नेता व कार्यकर्ता इसके खिलाफ अपनी आवाज मुखर करते नजर आए। किसी ने भ्रष्टाचारियों को तुरंत जेल भिजवाने, उच्च स्तरीय जांच करवाने सहित कई बाते की। किसी ने भ्रष्टाचारियों को जेल होने या आरोपियों के सामने नहीं आने तक धरना प्रदर्शन तक की चेतावनी भी दी। धरना भी दिया और प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड भी लिखवाए गए। लेकिन अब इस मामले में सब कुछ सामान्य है।

एसीबी ने लिया था संज्ञान, खंगाली फाइलें

भीलवाड़ा नगर विकास न्यास कार्यालय में कुछ फाइलों की मिसिंग होने सहित गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर एसीबी मुख्यालय ने संज्ञान लिया था। यूआईटी कार्यालय में भ्रष्टाचार व फर्जी मुआवजा देने के आरोप पर अजमेर एसीबी के एडिशनल एसपी भागचंद के नेतृत्व में यूआईटी कार्यालय में छापेमार कार्रवाई की थी। टीम ने इस दौरान न्यास सचिव से इस मामले की जानकारी ली। टीम ने नगर विकास न्यास के अधिकारियों व कर्मचारिया से नाजायज मुआवजा देने सहित भ्रष्टाचार के मामले में जानकारी ली।

अवकाश के दिन भी हुई थी कार्रवाई

गौरततलब है कि भीलवाड़ा नगर विकास न्यास में पिछले लंबे समय से भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे है। इसके बाद रविवार को अवकाश के दिन भी एसीबी टीम कार्रवाई करने पहुंची थी। इसके चलते न्यास के कार्मिकों सहित भूमाफियाओ में हडक़ंप मच गया था। लेकिन करीब दो माह से मामला वापस ठंडे बस्ते में चला गया। भ्रष्टाचार के मामले में छाई चुप्पी पर लोगों में गाहे-बगाहे चर्चाओं का दौर चलता रहता है।


यह था मामला

भीलवाड़ा नगर विकास न्यास में जमीनों के मुआवजे में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगा था। इसके बाद भूमाफियाओं व यूआईटी में कर्मचारियों और कथित घाटालों से जुड़े अधिकारियों में हडक़म्प मच गया। इसके अलावा भी यूआईटी को लेकर समय-समय पर गड़बडिय़ों को लेकर खबरे सामने आती रहती है।

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