तीन दिन में बड़लियास थाना प्रभारी सिद्धार्थ को नहीं हटाया तो सिखवाल समाज करेगा आंदोलन
भीलवाड़ा बीएचएन। सिखवाल समाज ने बड़लियास थाना प्रभारी सिद्धार्थ प्रजापत को हटाने की पुलिस अधीक्षक से मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि तीन दिन में थाना प्रभारी को नहीं हटाया गया तो समाज को आंदोलन पर उतरना पड़ेगा।
सिखवाल समाज की ओर से बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक को दिये ज्ञापन में बताया गया है कि बड़लियास थाने में एफआईआर संख्या 76/ 2025 में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है। इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाये। ज्ञापन में यह भी बताया कि जिले के सुठेपा आम चौखला 72 खेड़ा गांव में सिखवाल समाज निवास करते हैं। शिक्षा की कमी, मृत्युभोज, आटा-साटा विवाह, बाल विवाह आदि प्रथा प्रचलित है। इन कुरुतियों को दूर करने के लिए 5 अगस्त को आमा में बैठक की गई, जिसमें कुरुतियों को दूर करने व शिक्षा को बढावा देने का संकल्प लिया। इसी क्रम में एफआईआर संख्या 76 बड़लियास थाने में प्रतिष्ठित लोगों राधेश्याम चंपावत, दिनेश पंडिया आदि पर फर्जी व मिथ्या आरोप लगाकर समाज सुधार के लिए की जा रही बैठकों को रद्द करना चाहते हैं। इसी के चलते प्रतिष्ठित लोगों को झुंठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। बड़लियास थाना प्रभारी सिद्धार्थ प्रजापत ने 29 अप्रैल को बड़लियास थाने में सुबह 11 से 4.30 बजे तक इन सभी निर्दोष लोगों को नीचे बैठाकर अपमानित किया। राजेश कुमार चंपावत ने थाने में ही पुलिस के सामने इन सभी निर्दोष लोगों के साथ गाली-गलौच व मारपीट पर उतारु हो गया। थाना प्रभारी ने निर्दोष लोगों पर दबाव बनाकर लिखवाया कि सभी बैठकों में लिये गये निर्णयों को रद्द किया जाता है। यह लिखवाकर राजेश कुमार को एक कॉपी दी गई, यह कॉपी निर्देष दिनेश पंडिया को कहकर वाट्सएप पर डलवाई गई कि सभी फैसले निरस्त किये जाते हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि सिखवाल समाज को बदनाम करने के लिए समाज को खाप पंचायत बताकर स्वयं को पीडि़त बताकर धर्म परिवर्तन करने, आत्महत्या करने व जान से मारने की धमकी की झूंठी बातें फैलाई गई, जिससे समाज की बदनामी हुई। ज्ञापन में उक्त एफआईआर को निरस्त करने या निष्पक्ष अनुसंधान करने के साथ ही बड़लियास थाना प्रभारी सिद्धार्थ प्रजापत को हटाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि अगर थाना प्रभारी को नहीं हटाया गया तो सिखवाल समाज को आंदोलन पर उतारु होना पड़ेगा।