महामण्डलेश्वर उदासीन ने दोहराया मैं साधु सिंधी समाज का नहीं: अब 5 फरवरी पर टिकी निगाहें, माफी मांगेंगे या फेसबुकिया लोगों से लेंगे
भीलवाड़ा (राजकुमार माली) । हरिशेवा धाम के महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन द्वारा झूलेलाल को भगवान नहीं मानने का मुद्दा अब गरमाता जा रहा है। सिंधी समाज महामण्डलेश्वर की इस टिप्पणी पर नाराजगी जता चुके है जबकि महामण्डलेश्वर ने फिर कहा है कि साधु किसी समाज का नहीं होता है। उन्होंने विरोध करने वालों को ललकारते हुए कहा है कि वह 5 तारीख को हरिशेवा धाम में पहुंचे और माफीनामा लें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे माफी मांगेंगे और फेसबुकिया लोगों से माफी भी लेंगे।
महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने दूरभाष पर हलचल से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने देश भर के उन लोगों को खुला निमंत्रण दिया कि वे 5 फरवरी को हरिशेवा धाम आयें इसके लिए उन्हें किराया, ठहरने की व्यवस्था और भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। महामण्डलेश्वर ने यह भी कहा कि कई लोग मंदिरों में दारू पीते है उनसे भी माफी ली जाएगी और मैंने अगर गलती की है तो मैं भी माफी मांगूंगा। इस मौके पर भीलवाड़ा के 36 ही कौमों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि मैं साधु सिंधी समाज का नहीं हूं,साधु किसी जात का नहीं है, संत किसी जात का नहीं है, देवता किसी जात का नहीं है। जो लोग विरोध कर रहे है वह ठीक नहीं है । उन्होंने यह भी कहा है कि लोग कह रहे है कि मंदिर में मत चढऩा लेकिन मैं मंदिर में चढ़ू या नहीं चढ़ूगा यह तो माफी के बाद करना। उन्होंने कहा कि वाट्सअप वाले सभी देवता भी 5 फरवरी को आ जाये वहीं फैसला हो जाएगा।