राज के सूत्रधार:: नीतीश-नायडू के भरोस एनडीए,दिल्ली की बैठक में शामिल होंगे जदयू व टीडीपी, ‘इंडिया’ की मीटिंग भी आज

Update: 2024-06-05 03:24 GMT

 अब ये है सत्ता के सूत्रधार फोटो सोशल मीडिया


 मंगलवार को लोकसभा चुनाव की मतगणना के परिणाम आ गए हैं भाजपा बहुमत से काफी दूर रही. लेकिन भाजपा की अगुआई वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है.अब नीतीश कुमार,और चंद्रबाबू नायडू  सरकार बनाने के लिए अहम सूत्रधार माने जा रहे हे, ये चर्चा भी ही की नीतीश को उप मुख्यमंत्री का दर्जा  सत्ता में दिया  जा सकता है।

एनडीए को 292 सीटों पर जीत मिली है, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने 234 सीटें जीतीं हैं. इससे यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि इस बार एनडीए का सामना एक मजबूत विपक्ष से हो सकता है. भाजपा 240 सीटें जीत चुकीं हैं. ऐसी स्थिति में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को सत्ता सूत्रधार माना जा रहा है.

बिहार में भाजपा और जदयू ने जीती 12-12 सीटें, लोजपा ने 5

भावी सरकार की मजबूती में दोनों की भूमिका अहम मानी जा रही है. बिहार में, भाजपा 12 और उसकी सहयोगी जदयू 12 सीटों पर चुनाव जीत चुकी है. लोजपा (आर) ने भी अपने कोटे की पांचों सीटें जीत ली हैं. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी 25 में से 16 सीटों पर, भाजपा तीन पर सीटों पर आगे चल रही थी.

हाल ही में भाजपा के साथ आए नीतीश कुमार और नायडू

नायडू और नीतीश हाल में ही भाजपा के साथ आये हैं. हालांकि इन दोनों के साथ भाजपा का रिश्ता बहुत पुराना रहा है. लोकसभा चुनाव के कुछ समय पहले ही भाजपा ने बिहार में जदयू को अपने साथ लाकर सरकार बनायी थी, हालांकि नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहा.

नायडू ने आंध्रप्रदेश में की है बड़ी राजनीतिक वापसी

इसी तरह आंध्र प्रदेश को फतह करनेवाले चंद्रबाबू नायडू ने भी अपनी बड़ी राजनीतिक वापसी की है और केंद्र में भी भाजपा के सहयोगी तौर पर इतनी सीटें तो जीती ही है कि गठबंधन सरकार में उनका रहना जरूरी है. नीतीश और चंद्रबाबू की पार्टी भाजपा की पूर्व की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सहयोगी रहे थे

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भाजपा के लिए खेल बिगाड़ने वाला साबित हुआ उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जो लोकसभा में 80 सांसदों को भेजता है. भाजपा के लिए पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह राज्य खेल बदलने वाला साबित हुआ है. सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा विरोधी वोटों को एकजुट करके भाजपा को उसके सबसे मजबूत गढ़ में मात दे दी है. पिछली बार 62 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इसबार सिर्फ 33 सीटें जीत चुकी है. अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा 37 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है. साल 2019 में उसे सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिल सकी थी. कांग्रेस छह सीटें जीतने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

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