तस्करों का दुस्साहस: पुलिस पर की अंधाधुंध फायरिंग, बाल-बाल बची टीम

Update: 2025-06-03 07:26 GMT
तस्करों का दुस्साहस: पुलिस पर की अंधाधुंध फायरिंग, बाल-बाल बची टीम
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भीलवाड़ा । जिले में तस्करों के हौसले लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। सोमवार देर रात शाहपुरा-भीम राष्ट्रीय राजमार्ग पर उस वक्त सनसनी फैल गई जब पुलिस और डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम (DST) की नाकाबंदी के दौरान तस्करों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार, नाकाबंदी कर रही पुलिस टीम ने कुछ संदिग्ध वाहनों को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद तस्करों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। गनीमत रही कि इस घटना में कोई भी पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ, जिससे पुलिस ने राहत की सांस ली। फायरिंग के बाद अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार होने में सफल रहे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अज्ञात तस्करों की तलाश के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया है, जो इलाके में लगातार दबिश दे रही हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना ने भीलवाड़ा में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शाहपुरा के ASP राजेश आर्य ने बताया कि भीलवाड़ा पुलिस की DST टीम को शाहपुरा क्षेत्र से तस्करों के गुजरने की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर मंगलवार रात DST टीम तस्करों का पीछा कर रही थी। शाहपुरा-भीम राष्ट्रीय राजमार्ग पर फुलियाकला थाना क्षेत्र के अरवड चौराहे के पास स्थित पुलिस चौकी के सामने रात करीब 11:30 बजे नाकाबंदी की जा रही थी. इसी दौरान अज्ञात तस्करों ने पुलिस और DST पर चार राउंड फायरिंग कर दी। फायरिंग के बाद तस्कर भागने में सफल रहे, लेकिन अच्छी बात ये रही कि किसी भी पुलिसकर्मी को चोट नहीं आई. घटना की सूचना मिलते ही शाहपुरा एएसपी राजेश आर्य और डिप्टी मौके पर पहुंचे और तस्करों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन कर क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिलों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है. फसल पकने के बाद तस्कर भीलवाड़ा के रास्ते से ही मारवाड़ सहित अन्य जिलों और राज्यों में चोरी-छिपे अफीम, डोडा-चूरा और अफीम की तस्करी करते हैं. पूर्व में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

लगभग तीन से चार साल पहले भीलवाड़ा जिले के रायला और कोटड़ी थाना क्षेत्र में नाकाबंदी कर रहे पुलिसकर्मियों पर तस्करों ने फायरिंग की थी, जिसमें दो कांस्टेबलों की मौत हो गई थी। यह घटना एक बार फिर तस्करों के बढ़ते दुस्साहस को दिखाती है और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है।

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