बिजयनगर में ब्लैकमेलिंग कांड: दूसरी बार बंद रहा कस्बा; उग्र प्रदर्शन, विधायक के प्रति रोष
भीलवाड़ा .जिले की सीमा से लगे बिजयनगर में स्कूली छात्राओं के ब्लैकमेलिंग कांड को लेकर जनता का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शनिवार को दूसरी बार पूरा बिजयनगर बंद रहा। सर्व समाज संघर्ष समिति के आह्वान पर व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रखे। प्रदर्शनकारियों ने चार बत्ती चौराहे पर जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की।
स्कूली छात्राओं के ब्लैकमेलिंग कांड को लेकर बंद के दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रमुख चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए जाते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। स्थानीय लोग दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
सर्व समाज संघर्ष समिति के पदाधिकारी सूर्य प्रकाश ने कहा कि स्थानीय विधायक इस मामले में उदासीन बने हुए हैं और जनता की आवाज को अनसुना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यदि निष्पक्ष जांच होती है, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।" वहीं, समिति के सदस्य ललित शर्मा ने आरोप लगाया कि इस कांड के पीछे एक सुनियोजित साजिश है और आरोपियों को आर्थिक सहयोग भी मिल रहा है। उन्होंने इस घटना को 1992 के अजमेर ब्लैकमेलिंग कांड से जोड़ते हुए कहा कि कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
युवा नेता निखिल दाधीच ने प्रदेश और केंद्र, दोनों जगह भाजपा सरकार होने के बावजूद इस मामले को दबाने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक को इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने अपनी ही जनता से दूरी बना रखी है।प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए, तो आंदोलन और भी उग्र होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान भी किया जा सकता है। क्षेत्रवासी न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।